भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मुलाकात पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने फेसबुक पर प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि तेजस्वी से बंद कमरे में मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री बतायें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है या अपनी कुर्सी बचाने के लिए समझौता कर लिया?
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अब भी यह कहेंगे कि ‘ बिहार में मैं रहूंगा या भ्रष्टाचारी?’ सीबीआई की छापेमारी के 12 दिन बाद भी भ्रष्टाचार के आरोपों पर जनता को बिन्दुवार सफाई नहीं देने वाले तेजस्वी को क्या मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का इरादा छोड़ दिया है? बोलने नहीं देने का आरोप लगा कर राज्यसभा से इस्तीफा देने वाली मायावती को फिर वहीं भेजने का लालू प्रसाद लॉलीपॉप दिखा रहे हैं.
सुमो ने कहा कि मंगलवार को जिस तरह से तेजस्वी यादव राजद के मंत्रियों के जुलूस के साथ कैबिनेट की बैठक में गए मानो मुख्यमंत्री को धमकी दे रहे थे कि पूरी पार्टी उनके साथ है, मुख्यमंत्री उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस लालू प्रसाद पर भ्रष्टाचार के मामले में कभी कोई दबाव नहीं बना सकती है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जैसे लोग कांग्रेस के आदर्श हैं, जो सीबीआई की छापेमारी और ईडी के मुकदमे के बावजूद कुर्सी पर बने हुए हैं. 10 दिन पहले मुझ पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी देने वाले लालू प्रसाद आजतक मुकदमा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये.
मायावती प्रकरण में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर हमला बोलते सुमो ने कहा कि मायावती को राज्यसभा भेजने का ऐलान करने वाले लालू प्रसाद के राज में आधे दर्जन से अधिक नरसंहारां में सैकड़ों दलित गाजर-मूली की तरह काटे गए, जिन्होंने दलितों को आरक्षण दिए बिना पंचायत का चुनाव करा दिया वह अब दलितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.