संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मोदी सरकार को छोड़ने वाली नहीं है। इसकी झलक सत्र के दूसरे दिन ही देखने को मिली, जब सुपौल से कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन ने सदन में आरबीआई और नोटंबदी के मुद्दे को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव दे दिया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए रंजीत रंजन ने इशारा किया कि कांग्रेस एक महीने तक चलने वाली शीतकालीन सत्र में केंद्र की मोदी सरकार को बक्शने के मूड में बिलकुल नहीं है।
नौकरशाही डेस्क
रंजीत रंजन ने कहा कि कांग्रेस की ओर से स्थगन प्रस्ताव लाकर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा, चुनाव तक उसे छुपाने, संवैधानिक स्वायत संस्थाओं पर प्रहार और 7-8लाख करोड़ के नोटबंदी महाघोटाला पर चर्चा के लिए मैंने नोटिस दिया है। कांग्रेस इस पर सदन में चर्चा चाहती है, क्योंकि यह गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार की ओर से स्वायत्त संस्थाओं में हस्तक्षेप हो रहा है, वह लोकतंत्र के लिए खतरा है। सांसद ने सरकार पर बैंकों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने राफेल के सवाल पर कहा कि मोदी सरकार ने इतनी गलतियां की हैं कि कांग्रेस एक महीने में उनके सभी घोटालों को सदन में सामने लायेगी। सांसद ने कहा कि नोटबंदी से न भ्रष्टाचार कम हुआ आौर न काले धन आये। रोजगार भी गए। इसलिए सरकार को जवाब देना ही होगा। बता दें कि शीतकालीन सत्र के दौरान एक ओर विपक्ष जहां विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित है, वहीं केंद्र सरकार कई लंबित समेत नये विधेयकों को पास कराने में जुटी है।