कृषि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 2016-17 में नोटबंदी का रबी अभियान पर विपरीत असर नहीं हुआ था। कृषि मंत्रालय ने मीडिया में नोटबंदी का किसानों पर हुए असर की खबर पर टिप्पणी करते हुए आज कहा कि उसका मत है कि रबी अभियान पर नोटबंदी का विपरीत असर नहीं हुआ था। वर्ष 2016-17 के दौरान नोटबंदी शुरु होने के पहले गेहूं के अलावा ज्यादातर बीजों का वितरण हो चुका था तथा गेहूं के बीज के वितरण का कार्य चल रहा था। राज्य सरकारों ने अपने बीज निगमों और संस्थाओं को निर्देश दिया गया था कि वे 500 और 1000 के पुराने नोट के माध्यम से बीज की बिक्री सुनिश्चित करायें। केन्द्र सरकार ने भी ऐसी अनुमति राष्ट्रीय बीज निगम समेत अन्य संस्थाओं को दे दी थी ।
नोटबंदी के कारण किसानों को कोई कठिनाई नहीं हो इसके लिए किये गये प्रयासों का फल यह हुआ कि देश में वर्ष 2016-17 में गेहूं बीज का वितरण 124.87 लाख क्विंटल किया गया जो वर्ष 2015-16 के 95.83 लाख टन से बहुत अधिक था । इसके अलावा पूरे रबी सीजन में बीज का वितरण 348.58 लाख टन रहा था जो कि वर्ष 2015-16 304.04 लाख टन से अधिक था ।
मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2016-17 में गेहूं का उत्पादन नौ करोड़ 85 लाख टन था जो 2015-16 में नौ करोड़ 22 लाख टन था । वर्ष 2016-17 के दौरान 307.85 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गयी थी जबकि 2015-16 के दौरान 304.18 लाख हेक्टेयर में ही इसे लगाया गया था । मंत्रालय ने कहा है कि जहां तक राष्ट्रीय बीज निगम का संबंध है तो 500 और 1000 रुपये केे पुराने नोट से बीज की बिक्री की अनुमति मिलने पर उसकी बिक्री में तेजी आयी ।