यूपी के मंत्री आजम खान ने नोटबंदी के फैसले को हिटलर की तानाशाही भरे फैसले से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि लाइन में लग के पैसे निकालने वाले अगर देश भक्त हैं तो बैंकों के सामने जान गंवाने वालों को शहीद कर दर्जा देते हुए उन्हें एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए.
मुरादाबाद में डायल 100 योजना के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आजम ने कहा कि इस तानाशाही भरे फैसले के डर से सब डर कर कह रहे हैं कि यह फैसला सही है. मैं भी कह रहा हूं कि यह फैसला सही है. उन्होंने कहा कि आप अगर इस फैसले के खिलाफ बोलते हैं तो आप देशद्रोही हैं. अगर लाइन में लगना देशभक्ति है तो लाइन में जान गंवाने वालों को एक एक करोड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए.
पत्रिका डॉट कॉम के अनुसार आजम खान ने कहा पुराने नोट होने की वजह से उन्हें अपनी दो जून की रोटी भी चलानी मुश्किल हो रही है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाला आदमी दिन भर घंटों बैंकों की लाइन के बाहर खड़ा होकर नोट बदलवाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उसकी कोशिश पूरी नहीं हो रही। कई गरीबों ने इन लाइनों में लगे हुए दम तोड़ दिया। लेकिन केंद्र सरकार को कोई फिक्र नहीं है।
आजम ने जौहर विवि में काम कर रहे मजदूरों का उदाहरण देते हुए बताया कि रोजाना चार हजार से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें देने के लिए उनके पास भी पैसा नहीं है। क्योंकि वे या विवि के प्रोफेसर रोज घंटों बैंक की लाइन में नहीं लग सकते। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद जो मजदूर साढ़े चार सौ रुपये में भी नहीं मिल रहा था। वह अब 100-100 रुपये में काम करने को मजबूर है। जिससे वह दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर सके।