सरकार ने पिछले पांच साल से नौकरी से लापता आईएएस अधिकारी अनिल यादव की सेवा समाप्त कर दी है. 1999 बैचे के आईएएस अधिकारी दो वर्ष के अध्ययन अवकाश पर विदेश गये थे उसके बाद वह फिर वापस नहीं लौटे.
खबरों के अनुसार पिछले कुछ सालों में ऐसे दर्जन भर आईएएस अधिकारी हैं जो अध्ययन अवकाश पर विदेश तो गये और वहीं किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करने लगे हैं.
ऐसे अधिकारी बाजाब्ता इस्तीफ़ा नहीं देते और न ही अपने बारे में कोई सूचना देते हैं जिसके कारण थक हार कर उनकी सेवा समाप्त मान लेती है.
अब सरकार अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले नौकरशाहों के प्रति सख्त रवैया अपनाने पर विचार कर रही है.
इसी प्रकार एक अन्य आईएएस अधिकारी आलोक खरे 2002 में अध्ययन अवकाश के लिए अमेरिका चले गये. कुछ सालों तक व ह वेतन सहित छुट्टी पर रहे. पर 2009 से अनाधिकृत रूप से अपनी सेवा से गायब हैं. बताया जाता है कि सरकार ने उनकी सेवा भी समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आलोक 1992 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.
इसी तरह 1996 बैच के आईएएस अधिकारी राहुल आनंद भी हार्वर्ड विश्वविद्याल में अध्ययन के लिए दो वर्ष के अवकाश पर गये थे. फिर उन्होंने मुड़कर देश को नहीं देखा. बताया जाता है कि वह आईएमएफ में काम कर रहे हैं.
पिछले कुछ सालो में सरकार अपने नौकरशाहों से परेशान है. सरकार की परेशानी का एक कारण यह भी है कि ये अधिकारी विधिवत इस्तीफा नहीं देते जिसके कारण समस्या उत्पन्न हो जाती है.