पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में नौकरशाह जासूसी करते थे। उनकी हर गतिविधि की जानकारी नीतीश कुमार तक पहुंचाते थे। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास एक अण्णे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री मांझी ने कहा कि सीएम के आवासीय कार्यालय में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति नीतीश कुमार ने ही की थी और वही लोग जासूसी करते थे।
नौकरशाही ब्यूरो
श्री मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार उन्हें प्रताडि़त कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा में कटौती की जा रही है और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में मिलने वाले सुविधाओं को भी हड़प रहे हैं। अपना सात सर्कुलर रोड तुरंत बनवा लिए थे और हमारे लिए आवंटित मकान को लटका दिया है। नीतीश ने हमारा बेस टेलीफोन भी सीज कर लिया। उन्होंने कहा कि वह आज भी जदयू के सदस्य हैं। विलय होने के बाद हम जदयू के नाम, चुनाव चिह्न और झंडा पर दावा करेंगे।
पूर्व सीएम ने कहा कि उनकी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और किसी प्रकार का गठबंधन चुनाव के पहले नहीं करेंगे। जनता परिवार के विलय पर उन्होंने कहा कि यह विलय पार्टियों का नहीं, परिवारों का विलय है। इस विलय को जनता नकार देगी। उन्होंने यह भी कहा कि नयी पार्टी का नाम ही तय नहीं है तो नेता और चुनाव चिह्न तय करने का क्या मतलब है। विलय की वैधानिक प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही ये पार्टियां अलग-अलग खेमों में बंट जाएंगी। प्रेस वार्ता में पूर्व सांसद साधु यादव और जगदीश शर्मा भी मौजूद थे।