अंतरराष्न्यूट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडी के बाद अब न्यू यॉर्क टाइम्स के एडिटोरियल बोर्ड ने चेतावनी दी है कि भारतीय समाज कुछ हिंदू अतिवादियों की घृणा और असहिष्णुता से खंडित हो रहा है.
अखबार ने अपने 3 नवम्बर के एडिटोरियल ‘द कॉस्ट ऑफ हिंदू एक्सट्रीमीज्म‘ शीर्लिष में लिखा है कि हालांकि भारत के बहुसंख्य लोग ऐसता कत्तई नहीं चाहत रहे हैं और ऐसे में भारत किसी भी हाल में विदेशी निवेश को आकर्षित नहीं कर सकता जबकि पीएम मोदी ने विदेशी निवेस को आकर्षित करने की दिशा में काफी मेहनत की है.
अखबार ने लिखा है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के कुछ हिंदू अतिवादियों के असहिष्णु रवैये पर उनकी चुप्पी से उत्तपन्न निराशा अब वित्तीय समुदाय तक पहुंच चुकी है. पिछले दिनों फाइनेनसियल रेटिंग एजेंसी मूडी ने चेतावनी दी थी कि अगर प्रधान मंत्री ने उनकी पार्टी के नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगाना चाहिए वरना भारत आंतरिक और बाहरी विश्वस्नीयता खो देगा. इतना ही नहीं इंफोसिस के संस्थापक नरायण मूर्ति ने भी कहा है कि देश के अल्पसंख्यकों में दहशत का माहौल बढ़ा है. जबकि बॉयकन की प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि भारत में जो भी हो रहा है वह चिंताजनक है.
अखबार लिखता है कि पिछले दिनों हिंदू अतिवादियों द्वारा लेखक गुलबर्गी की हत्या और उसके बाद एक मुस्लिम को गोमांस रखने की अफवाह में मरा दिये जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी के सुस्त रवैये से आम लोगों में गंभीर मायूसी बढ़ी है.
इन घटनाओं के बाद 35 लेखकों ने सरकार सम्मान लौटा दिये. इसके बाद इतिहासकारों, फिल्म से जुड़े कलाकारों, वैज्ञानिकों ने भी इस घटना के बाद मोदी सरकार की निंदा की. इतना ही नहीं सूपर स्टार शाहरुख खान ने तो यहां तक चेतावनी दे डाली कि जब तक हम सभी धर्मों का समान रूप से आदर नहीं करेंगे तब तक भारत सूपर पावर नहीं बन सकता.
अखबार के एडिटोरियल में यह भी चेतानी दी गयी है कि भारतीय समाज कुछ हिंदू अतिवादियों की घृणा और असहिष्णुता से से खंडित हो रहा है.