बिहार सरकार ने विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों को और अधिक सशक्त एवं क्रियाशील बनाने के लिए बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2017 को आज मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती राज विभाग के बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 25 एवं 26 में संशोधन एवं धारा 170 (क) के बाद 170 (ख) और 170 (ग) जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
राज्य कैबिनेट का फैसला
विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2017 के प्रभावी होने के बाद पंचायत संस्थाओं को और अधिक शक्ति मिलेगी, जिससे उसके अधीन क्रियान्वित होने वाली योजनाओं के कार्यों में तेजी आएगी। अधिनियम की धारा 25 की उपधारा (1) के तहत ग्राम पंचायत अपने कार्यों को प्रभावी तरीके से करने के लिए छह समितियों योजना, समन्वय एवं वित्त समिति, उत्पादन समिति, सामाजिक न्याय समिति, शिक्षा समिति, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति और लोक निर्माण समिति का गठन कर सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि सामाजिक न्याय समिति अनुसूचित जाति (एससी), जनजाति (एसटी) एवं कमजोर वर्गों के शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य हितों का संवर्धन, ऐसी जातियों एवं वर्गों को सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से बचाने और महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण संबंधी कार्य करने के साथ ही इनका अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण भी कर सकेगी। इससे पहले के अधिनियम में समिति को अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने का अधिकार नहीं था। इसी तरह शिक्षा समिति प्राथमिक, माध्यमिक एवं जन शिक्षा, पुस्तकालय एवं सांस्कृतिक कार्यों का, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति लोगों के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं गांवों की स्वच्छता से जुड़े कार्यों का तथा लोक निर्माण समिति भी ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले आवास, जलापूर्ति के स्राेतों, सड़कों, ग्रामीण विद्युतीकरण सहित सभी प्रकार के निर्माण कार्यों का निरीक्षण और निगरानी कर सकेगी।