सरकार ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीसीटी) में पंजीकृत ब्रांड का उल्लेख किया गया है और पांच प्रतिशत जीएसटी सिर्फ उन वस्तुओं पर ही लगेगा, जिनकी आपूर्ति ट्रेड मार्क कानून 1999 के तहत पंजीकृत ट्रेड मार्क या ब्रांड नाम के साथ की जायेगी। 


वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में यह स्पष्ट किया है कि छेना या पनीर, शहद, गेहूं, चावल और दूसरे अनाजों के साथ ही दलहन, आटा, बेसन आदि जो किसी ब्रांडेड डिब्बे में बंद नहीं है, उन पर शून्य जीएसटी है। इस तरह की वस्तुओं को जब डिब्बा में बंद कर और पंजीकृत ब्रांड नाम के साथ आपूर्ति की जायेगी तो उस पर पाँच प्रतिशत कर लगेगा।
बयान में कहा गया है कि पंजीकृत ब्रांड नाम को लेकर कुछ आशंकायें जतायी गयी थीं। ‘पंजीकृत ब्रांड नाम को उस ब्रांड नाम अथवा कारोबार नाम के रूप में परिभाषित किया गया है, जो ट्रेड मार्क अधिनियम, 1999 के तहत पंजीकृत है। इस संदर्भ में, ट्रेड मार्क अधिनियम की धारा 2 (टी) के साथ धारा 2 (डब्‍ल्‍यू) में कहा गया है कि पंजीकृत ट्रेड मार्क से आशय उस ट्रेड मार्क से है जो ट्रेड मार्क पंजीकृत है।  इसलिए जब तक ब्रांड नाम अथवा कारोबार नाम ट्रेड मार्क कानून के तहत पंजीकृत नहीं होगा तब तक इस तरह की वस्‍तुओं की आपूर्ति पर जीएसटी नहीं लगेगा।

By Editor


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