झारखंड की भाजपा सरकार द्वारा महात्मा गांधी के नाम पर फैलाया गया महा झूठ पकड़ा गय है. राज्य सरकार ने अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर विज्ञापन में गांधी के मुंह से ऐसी बात कहलवाई है जिसे, जिसे कभी गांधी ने बोला ही नहीं था.
यह विज्ञापन 11 अगस्त को झारखंड के तमाम बड़े अखबारों में प्रकाशित किया गया था. यह विज्ञापन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का राज्य सरकार द्वारा कानून पारित होने के बाद प्रकाशित किया गया.
इस विज्ञापन में गांधीजी को यह कहते हुए बताया गया है कि- “यदि ईसाई मिशनरी यह समझती हैं कि ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन से ही मनुष्य का आध्यात्मिक उद्धार संभव है तो आप यह काम मुझसे या महादेव देशाई से क्यों नहीं शुरू करते. क्यों इन भोले भाले, अबोध वनवासियों के धर्मांतरण पर जोर देते हैं. ये बेचारे तो ईसा और मुहम्मद में भेद भी नहीं कर सकते और ना आपके उपदेश को समझने की पात्रता रखते हैं. ये तो गाय के समान मूक और सरल हैं. जिन भोले भाले और अनपढ़ व गरीब दलितों व आदिवासियों की गरीबी का दोहन करके आप ईसाई बनाते हैं वे ईसा को नहीं बल्कि पेट के लिए ईसाई बनते हैं”.
गांधी के मुंह से झारखंड की रघुबर सरकार ने ऐसा महाझूठ बोलवाया है जिसका कोई सुबूत किसी रेफ्रेंस के तौर भी नहीं है. इस संबंध में स्कॉलर अपूर्वा नंद ने एक वेबसाइट के लिए लिखे अपने आलेख में चुनौती देते हुए लिखा है कि विज्ञापन में जो बात गांधी के मुंह से कहलवायी गयी है वह झूठ, गलत और शरारतपूर्ण है. ऐसी बात कभी गांधी ने कही ही नहीं.
अपूर्वानंद ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री रघुबर दास से कहा है कि वह सबसे पहले ईसाइयों और उनकी संस्थाओं से माफी मांगें और इस विज्ञापन को वापस लें. उन्होंने कहा कि ईसाई इस देश के सम्मानित नागरिक हैं लेकिन राज्य सरकार का यह विज्ञापन उन्हें अपमानित करने वाला है.