रोहतासगढ़ में लगेगा रोपवे
भागलपुर के गंगा और कोसी दियारा में बनेगा गरूड़ पक्षी प्रजाति बचाव केंद्र
पटना
बिहार अब पक्षी विहार के रूप में भी जाना जायेगा. बिहार सरकार बरैला झील, कुशेश्वर स्थान और कांवर ताल को पक्षी विहार के रूप में विकसित करेगी. कुशेश्वर स्थान इलाके को पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित किया जायेगा. राजगीर में वण्यप्राणी सफारी की स्थापना होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को वण्यप्राणी पर्षद की सातवीं बैठक में ये फैसले लिये गये. बैठक में रोहतासगढ़ में रोपवे लगाने, वाल्मीकिनगर व्याघ्र परियाजना और भीमबांध वण्यप्राणी आश्रय स्थली को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ रही संख्या, इको टूरिज्म, स्वायल कन्जर्वेशन, वाइल्ड लाइफ मॉनीटरिंग, फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट सहित गंडक में घड़ियाल संरक्षण, पक्षी आश्रयणी, नेशनल डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की स्थापना के साथ-साथ अन्य बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी. बैठक में बताया गया कि गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण के फेज-2 कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है. विभिन्न जिलों में नीलगाय और जंगली सूअर की असंतुलित आबादी की समस्या से निबटने के लिए किये जा रहे उपायों पर चर्चा की गयी. गंगा नदी में इनलैंड वाटरवेज प्रोजेक्ट के प्रस्तावित क्रियान्वयन से डॉल्फिन और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल आघात पर भी चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आश्रयणियों में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाये. साथ ही कुशेश्वर स्थान पक्षी आश्रयणी, बरैला झील पक्षी आश्रयणी, कांवर झील पक्षी आश्रयणी को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पांच सदस्यीय समिति बना कर उक्त सभी आश्रयणियों का क्षेत्र भ्रमण किया जाये और सभी स्टेक होल्डरों से बातचीत की जाये. गौतम बुद्ध आश्रयणी, गया में एनएच-2 के चौड़ीकरण के लिए शर्तों के साथ अनुमति की अनुशंसा की गयी.
बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव, विधान पार्षद नीरज कुमार, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार व सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्य वन संरक्षक देवेंद्र कुमार शुक्ला, मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक, मुख्यमंत्री के विषेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह सहित वन्यप्राणी पर्षद के सभी सदस्य उपस्थित थे.