पटना एसएसपी विकास वैभव को महज दो माह में चलता कर देने के पीछे कई कयास लगाये जा रहे हैं. कुछ इसे मदरसा शिक्षकों पर लाठिया बरसाने का परिणाम बता रहे हैं तो कुछ मनु महाराज को पटना में एकोमोडेट करने की सरकार की मंशा समझ रहे हैं.
नौकरशाही न्यूज
इन कयास आराइयों में एक कयास यह भी है कि विकास वैभव को महज इसलिए पटना का एसएसपी बनाया गया कि उनके द्वारा बाहुबली विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करवा लिया जाये. वैभव ने दो माह पहले जिस दिन एसएसपी का पद संभाला उसके दूसरे ही दिन अनंत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अनंत सिंह की गिरफ्तारी के पीछे भी कई प्रशासनिक खेल रहा है. जिस दिन वैभव ने जितेंद्र राणा से पटना एसएसपी की जिम्मेदारी ली, राणा ने एक संक्षिप्त प्रेस ब्रीफ की. और कहा कि वह अनंत सिंह को गिरफ्तार करने ही वाले थे. उनंत सिंह पर आरोप था कि उन्होंने राजू सिंह नामक व्यक्ति को अगवा किया था. इतना ही नहीं एक युवक को गिरफ्तार करने और उसे जान से मारने का शक भी अनंत सिंह पर था.
विकास वैभव को मात्र दो महीने में पटना से हटा कर पूर्णिया का एसपी बना दिया गया. उन्हें पटना से क्यों हटाया गया इस पर अलग अलग व्याख्या भले ही हो पर ट्रांस्फर के बारे में खुद विकास वैभव की फीलिंग्स को समझना हो तो आप फेबसबुक पर उनका पोस्ट जरूर पढ़े जिसे उन्होंने ट्रांस्फर ऑर्डर आने के फौरन बाद लिखा था.
वैभव लिखते हैं-
पटना में मैं बहुत कम समय के लिए तैनात रहे, लेकिन यह कार्यकाल बहुत हेक्टिक रहा. बिहार में कानून का राज लागू करने के अपने परिणाम होते हैं, लेकिन मैं इस बात से खुश हूं कि मैंने अपने छोटे से कार्यकाल में कानून का राज स्थापित की पूरी कोशिश की. मैंने इसके लिए कठोर रुख अपनाया। पटना में किए गए काम मुझे जीवनभर याद रहेंगे.
मुझे कोई पछतावा नहीं है और आगे भी कानून का राज कायम करने के लिए मैं इसी इच्छाशक्ति से काम करूंगा. एक कर्तव्यपरायण आईपीएस ऑफिसर की तरह मैं आगे भी कानून के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा। पटना एसएसपी के रूप में कार्यभार संभालते हुए अपने दोस्तों और चाहने वालों से जो वादे किए थे मैंने उसे हमेशा याद रखा. पिछले दो माह में मुझे कभी चैन की नींद नहीं आई. मुझे पूरा विश्वास है कि पटना ने कुछ अलग महसूस करना शुरू कर दिया था. मैं वादा करता हूं कि इसी तरह पूर्णिया में भी झंडा बुलंद रहेगा
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