पटना के जोनल आईजी सुशील एम खोपड़े के फर्जी दस्तखत से प्रेस रीलीज जारी करने का गोरख धंधा का पता चला है. राजेश कुमार नामक यह आदमी खुदको आईजी का रीडर बताता है जबकि खोपड़े इससे अंजान हैं.
विनायक विजेता की रिपोर्ट
बिहार में फर्जीवाड़ा करने वालों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे पुलिस के उच्च और आलाधिकारियों के नाम पर भी फर्जीवाड़ा करने लगे हैं। ताजा उदाहरण गुरुवार को जहानाबाद के कुछ पत्रकारों को पटना के जोनल आईजी के कथित हस्ताक्षर से भेजा गया गया एक ईमेल है जिसमें जहानाबाद के परसबीघा थाना की एक घटना के अनुसंधान की चर्चा की गई है।
मेल भजने वाला राजेश कुमार खुद को जोनल आईजी का रीडर बताते हुए अपने मोबाइल फोन नंबर 9470474223 जहानाबाद के कई पत्रकारों से यह आग्रह किया कि आईजी साहब ने इस खबर को प्रकाशित करने को कहा है।
इस प्रेस रीलीज में किसी आरोपित अनुभव कुमार की चर्चा करते हुए कहा गया है कि अनुसंधान के क्रम में अनुभव कुमार को दोषी नहीं पाया गया।
इस फर्जी ईमेल से यह साफ परिलक्षित है कि पटना के जोनल आईजी के नाम और उनके फर्जी हस्ताक्षर से प्रेस रीलीज को ईमेल करने वाला राजेश नाम का यह व्यक्ति काफी शातिर है जो किसी मामले में जोनल आईजी के नाम पर पत्रकारों को अपने किसी केस के पक्ष में समाचार लिखवाने की कोशिश कर रहा है।
इस संदर्भ में जब पटना के जोनल आईजी सुशील एम खोपडे से गुरुवार की रात बात की गई तो वह भी आश्चर्यचकित हो गए और उन्होंने यह बताते हुए कि राजेश नामक कोई भी व्यक्ति उनका रीडर नहीं है।
उन्होंने उसके द्वारा भेजे गए मेल, उसका फोन नंबर और उसका ईमेल आईडी अपने मेल पर भेजने का आग्रह किया। अपने को जोनल आईजी का रीडर बताकर पत्रकारों को ईमेल भेजने वाले राजेश कुमार ने [email protected] के इसी ईमेल आईडी से आईजी के नाम पर कई पत्रकारों को गुरुवार को एक समाचार से संबंधित मेल भेजा है।