पटना नगर निगम की स्थायी समिति नेप्रस्ताव पारित कर नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के खिलाफ विभागीय कारवाई करने का प्रस्ताव रखा है.
2005 बैच के बिहार कैडर के आईएएस कुलदीप नारायण इंडियन इंस्टिच्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी कानपुर से इंजीनियरिग ग्रेजुएट हैं. वह मुंगेर और छपरा के डीएम भी रह चुके हैं. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी हैं.
नारायण के खिलाफ कार्ऱवाई का प्रस्ताव प्रपत्र (क) के तहत लाया गया है. इसके तहत सरकारी अधिकारी- कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई के लिए आरोप का गठन किया जाता है. इसकी अनुशंसा करने पर सरकार चार्जशीट, कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यूपीएससी से सस्पेंड करने की अनुशंसा भी कर सकती है.
स्थाई सशक्त समिति ने कुलदीप नारायण पर विकास योजनाओं को लंबित रखने, प्रस्ताव पारित होने के बाद भी उसे लागू नहीं कराने का आरोप लगाया गया है.स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने कहा कि नगर आयुक्त लगातार विकास के कार्यों में बाधा बने हुए हैं. यह प्रस्ताव पर मेयर अफजल इमाम के कहने पर लाया गया है.
दर असल पिछले कई महीनों से मेयर और नगर आयुक्त के बीच अहम का टकराव सामने आता रहा है. पिछले दिनों एक बैठक में नगर आयुक्त के नहीं आने पर भी मेयर ने काफी हंगामा खड़ा किया था. हालांकि नगर आयुक्त का उस संबंध में कहना था कि मुख्यमंत्री के जनता के दरबार में बुलावा आ जाने के कारण वह नगरनिगम की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
हालांकि मेयर के कुछ समर्थकों के आलावा नगर आयुक्त के खिलाफ अनेक पार्षद शामिल नहीं हैं.
पार्षद कुमार संजीत, धर्मेंद्र मुन्ना, प्रमिला वर्मा, अर्चना राय, मीना देवी, हेमलता वर्मा, सुषमा साहू, सीमा वर्मा, उर्मिला सिंह, तरुणा राय और पिंकी यादव ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि नगर आयुक्त के साथ होने वाली बैठक में स्पष्ट हो जाएगा कि विकास कार्यों को लागू करने में असल बाधक कौन है. इसी तरह वार्ड नंबर 34 के पार्षद कुमार संजीत का कहना है कि कुछ लोग यूं ही नगर आयुक्त के खिलाफ उतर आये हैं.
यहां ध्यान देने की बात है कि पिछले दिनों नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने नगर निगम में करोड़ों के कथित घोटाले की जांच करने की मांग की थी.