पटना ब्लास्ट के सिलसिले में पुलिस बड़े खुलासे की तैयारी में है.गोपाल गोयल गिरोह की गिरफ्तारी के बाद अब वह आयशा तक पहुंच चुकी है.
आयाशा को बेंगलुरू में गिरफ्तार किये जाने के बाद लखीसराय पुलिस उसे लाने वहां पहुंच चुकी है.
आयशा के बारे में गोपाल गोयल ने पुलिस को सूचना दी थी.हालांकि लखीसराय में गोपाल गोयल, विकास, पवन और गणेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में मीडिया से काफी सतर्कता बरत रही है. पुलिस अधिकारियों से इस बारे में बात करने पर वह ज्जयादा बात करने से बचते हैं.
लेकिन पुलिस महकमें के एक सूत्र का कहना है कि गोपाल गोयल से जो जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि पाकिस्तानी संगठनों से जीतेंद्र साव और पप्पू साव के खाते में जो पैसे मंगाये जाते थे उसमें गोपाल गोयल, विकास कुमार और गणेश कुमार के अलावा आयशा का बहुत बड़ा हाथ है. पुलिस ने अब तक गोपाल गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन जीतेंद्र साव और उसके कुछ साथियों को नहीं पकड़ पायी है.
लेकिन इस मामले में आयशा की गिरफ्तारी हो चुकी जिसे पुलिस 15 नवम्बर तक बिहार ला सकती है.
मालूम हो कि 27 अक्टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दरान सीरियल ब्लास्ट हुए थए जिसमें छह लोगों की जानें गयीं थीं और 90 लोग जख्मी हुए थे.. इस सिलसिले में इम्तेयाज समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गाया था. लेकिन 15 दिनों के भीतर यानी 10 नवम्बर को इस मामले में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब लखीसराय पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की इनपुट पर लखीसराय से गोपाल गोयल , विकास और पवन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का कहना है कि गोपाल साथियों के खाते में पाकिस्तान से पैसे भेजे जाते थे. पुलिस इस बात की तह तक पहुंचने में लगी है कि इन पैसों का आतंकवादी गतिविधियों में कैसे इस्तेमाल किया जाता था. इधर गोपाल से मिली जानकारी के बाद पुलिस को पता चला है कि आईएसआई द्वारा किसी मौलवी साहब और इब्राहीम शेख के मार्फत भेजे जाते थे.
पुलिस लखीसराय की घटना को पटना ब्लास्ट से जोड़ कर देख रही है. और उसे उम्मीद है कि वह इस मामले में बड़ा खुलासा करने में कामयाब हो पायेगी.