पटना ब्लास्ट की जांच कर रहे एनआई,रायपुर पुलिस के रवैइए से चिंतित है वहीं इसकी चिंता इस मामले में मीडिया की अतिसक्रियता को लेकर भी है.
एनआईए सूत्रों का आरोप है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांचकर्ताओं की रायपुर में उपस्थिति की खबर मीडिया को दे दी जिससे इंडियन मुजाहिदीन के संचालकों को वहां से भागने में मदद मिल गयी.
मालूम हो कि पटना ब्लास्ट के बाद आईएम के कई संचालक फरार हो कर छत्तीसगढ की राजधानी में जा छुपे थे. एनडीटीवी.कॉम के अनुसार एनआईए के सूत्रों का आरोप है कि रायपुर पुलिस ने एनआईए की गतिविधियों की सूचना मीडिया को दे दी जिसके कारण आईएम के संचालकों को इसकी सूचना मिल गयी और वे वहां से निकल भागने में कामयाब रहे.
27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की पटना रैली में ब्लास्ट करने के बाद आईएम के चार संचालक रायपुर चले गये थे जहां मोदी की रैली होनी थी. बताया जाता है कि आईएम के संचालक हैदर अली, नूमान अंसारी और तौफीक अंसारी ने 9 नवम्बर को रायपुर छोड़ दिया था.
पटना ब्लास्ट की जांच कर रहे एनआईए की दूसरी चिंता मीडिया की अतिसक्रियता को लेकर भी है. इसलिए एनआईए इस मामले में काफी सतर्कता से अपनी जांच आगे बढ़ा रही है और इस मामले में मीडिया से संवाद नहीं कर रही है. पिछले दिनों बैंगलुरू से आयशा बानो को लखीसराय लाने के बाद पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.
लेकिन इस मामले में एनआईए ने स्थानीय पुलिस को स्पष्ट कह दिया है कि वह इस मामले में मीडिया से सूचना शेयर करने में एहतियात बरते. लखीसराय में पुलिस आयशा बानो, गोपाल गोयल, पवन कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है लेकिन इस बारे में पुलिस ने मीडिया की नजरों से खुद को दूर ही रखा है.