पटना में आज रावण दहन के बाद गांदी मैदान के निकट मची भगदड़ में 34लोगों की जान चली गयी. घटना शुक्रवार शाम को हुई है. गृहसचिव आमिर सुबहानी ने मरने वालों की तादाद32 बतायी है.
गृहसचिन बताया कि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि हादसे में मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.
यह घटना अफवाह फैलने से हुई बताई जा रही है. कुछ लोगों ने यह बात फैला दी कि रास्ते में बिजली का तार गिरा है. हालांकि इस मामले में डीएम मनीष कुमार ने कहा कि जांच चल रही है. दूसरी तरफ सरकार ने मरने वालों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है.
पुलिस के मुताबिक लोग गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम से लौट रहे थे. वहीं, मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए भी इसी रास्ते पर सैंकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान किसी ने बिजली का तार गिरने की अफवाह फैला दी.
इस मामले में विपक्षी भाजपा ने बयानबाजी भी शुरू कर दी है. भाजपा सांसद राम कृपाल यादव ने इस सरकार और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बताया है.
पीएमसीएच में डाक्टरों की कमी
घायलों को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. चारों तरफ अफरातफरी का माहौल है. पीएमसीएच में डाक्टरों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले आज कम बतायी जा रही है क्योंकि आज विजया दशमी के कारण छु्ट्टी भी है.
गांदी मैदान में हर साल लाखों की संख्या में लोग विजया दशमी के अवसर पर रावण दहन के कार्यक्रम में जुटते हैं. इस बार भी दो लाख से ज्यादा लोग जुटे.
इस हादसे के बाद लोगों में प्रशासन के प्रति गुस्सा भी दिखा है. जगह- जगह पुलिस से आम लोग भिड़ गये.
इस घटना के बाद पटना का जिला प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है.
2012 में भी हुआ ऐसा हादसा
मालूम हो कि दो साल पहले छट के दौरान भी इसी तरह का हासदसा हुआ जिसमें 18 लोगों की मौत हो गयी थी.
हालांकि इस बार जिला प्रशासन ने आम लोगों से अपील की थी कि अफवाहों पर भरोसा न करें लेकिन यह दुर्भाग्य है कि यह हादसा अफवाह के कारण ही हुआ.