पटना कॉलेज के प्रांगण में बाबू जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस मनाया गया। पटना विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाबू जगदेव कुशवाहा के शहादत दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता सूर्यकान्त ने की.
आज ही के दिन 5 सितंबर 1974 को जगदेव प्रसाद कुशवाहा को एक सभा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने गोलियों से उनकी हत्या कर दी थी.
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सूर्यकान्त ने कहा कि बाबू जगदेव एक जन-नेता थे। जिन्होंने अपना सर्वस्व जीवन शोषितों एवं वंचितों के प्रति समर्पित कर दिया। आज लगभग सभी दल के नेता बाबू जगदेव की जयंती-पुण्यतिथि मानते हैं, लेकिन बहुत ही कम नेता उनकी पदचिन्हों पर चलते हैं। उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू एक विचार हैं, जो कभी समाप्त नहीं होंगें। 5 सितंबर 1974 को जगदेव बाबू शहीद हो गए। मगर उनके विचार आज भी जिंदा हैं और वे आज भी कई युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं।
गोष्ठी में पटना विश्विद्यालय के अन्य छात्र भी उपस्थित रहे, जिन्होंने बारी-बारी से जगदेव बाबू के संघर्षों से अन्य छात्रों को रूबरू कराया।
गोष्ठी में नीतेश कृष्णवंशी, गगन, सरमद अज़ीज़, अली, अरविंद और प्रभात मिश्र समेत कई अन्य छात्र उपस्थित थे।