पटना से ले कर नेपाल के सरहदी जिले मधुबनी तक बालू की कालाबाजारी ने लोगों के आशियाना बनाने के सपने को रेत की दीवार की तरह ध्वस्त कर दिया है. जबकि बिचौलिये व खनन करने वाली कम्पनियां लूट को बे रोक-टोक अंजाम दने में लगी हैं.
मधुबनी से दीपक कुमार
सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद जिले में बालू की कीमत आसमान छू रही है। ये हाल तब है जब निर्धारित कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने वाली ब्रॉडसन कंपनी पर 8.61 करोड़ रुपये का जुर्माना हो चुका है। आपको बता दें कि जून में एक ट्रैक्टर (लगभग 110 सीएफटी) बालू की कीमत 4000 रुपये के आसपास थी। वहीं अब कीमत में काफी इजाफा हुआ है। अब लोगों को यही बालू 6000 रुपये में मिल रहा है।
मधुबनी के मधवापुर,साहरघाट,बसैठ,बेनीपट्टीजयनगर,झंझारपुर,फुलपरास से लेकर कई जगहों पर रोज के हिसाब से बालू की कीमत तय हो रही है। बालू विक्रेता ग्राहकों को लूटने में लगे हैं। बालू की मनमानी कीमत वसूल रहे हैं।विभागीय पदाधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। स्टॉक में जितना बालू होता है उस के आधार पर उस दिन की कीमत तय होती है। एक तरह से स्टॉक मार्केट की तरह बालू की कीमत रोज बदल रही है। बीते 10 दिनों की बात करें तो 2000 रुपये तक का इजाफा हो चुका है। इसे देखने वाला कोई नहीं। बताया जा रहा है कि एक जुलाई से खनन पर रोक लगने के बाद से ही स्टॉकिस्ट अपनी मर्जी से कीमतों में फेरबदल कर रहे हैं, जबकि सरकार का निर्देश है कि निर्धारित कीमत से ज्यादा पर बालू की बिक्री नहीं होगी।
बालू की कीमतों में मनमानी सिर्फ थोक व्यापारी ही नहीं कर रहे हैं। खुदरा व्यापारी भी इसमें शामिल हैं। खुदरा व्यापारी 500 रुपए तक बढ़ाकर दाम वसूल रहे हैं। इस तरहा ग्राहकों को दोहरी मार पर रही है।
आपको बता दें कि बारिश के मौसम के कारण एक जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए बालू खनन पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने जिन्हें निविदा के आधार पर खनन की जिम्मेदारी दी गयी थी, वही अब ऊंचे दाम पर बालू की बिक्री कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सौ सीएफटी बालू की कीमत 1555 रुपये का सरकारी निर्धारण है। मगर बाजार में बालू की कीमत 5000 रुपये प्रति 100 सीएफटी तक चली गयी है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है।