31 दिसम्बर को अगवा किये गये एसपी सलविंदर सिंह एनआईए के सवालों के घेरे में आ गये हैं. उनके अगवा होने के बाद ही पठानकोट में आतंकी हमला हुआ था.
सलविंदर सिंह ने दावा किया था कि उन्होंने घटना की पूरी जानकारी राज्य के डीजीपी को दे दी थी. अगर समय पर कार्रवाई की जाती तो पठानकोट का आतंकी हमला रोका जा सकता था. सलविंदर के इस रहस्योद्घाटन के बाद पंजाब पूलिस भी सवालों के जद में आ गयी है. हालांकि पंजाब के डीजीपी ने सलविंदर की बातों को गलत ठहराया है.
एसपी सलविंदर सिंह उनके ड्राइवर से बीती रात कई घंटों तक एनआइए ने पूछताछ की है. खबर है कि सलविंदर से एनआईए के अफसर पूछताछ कर रहे हैं और अगवा किये गये स्थान पर उन्हें ले जाया जा रहा है. सलविंदर सिंह ने कल बताया था कि वह 31 दिसंबर की रात को ख्वाजा की दरगाह पर गए थे. यहां से लौटते हुए उन्हें वर्दी पहने चार-पांच आतंकियों ने उन्हें रोक लिया था और उनको अगवा कर लिया. अगवा से आजाद होने के बाद सलविंदर ने कहा था कि ख्वाजा साहब ने उनकी जान बचा दी.
इस मामले में सलविंदर ने दावा किया था कि उन्होंने इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी डीजीपी को दे दी थी लेकिन उधर पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने गुरदासपुर के अगवा एसपी सलविंदर के उस दावे को खारिज किया है जिसमें उन्होंने समय रहते ही सारी जानकारी देने का दावा किया है.
एसपी सलविंदर ने दावा किया है कि अगर अधिकारियों ने उनकी दी गयी सूचना पर कार्रवाई की होती तो पठानकोट आतंकी हमले को रोका जा सकता था.