बिहार में भाजपा ने रुपयाबंदी के ठीक पहले बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों की जमीन खरीद कर और राजस्व की चोरी करके बेनकाब हो गयी है. तो पढ़िये इस काले घोटाले की पूरी दास्तान.
संतोष सिंह, वरिष्ठ पत्रकार
बीजेपी बिहार के 25 जिलों में पार्टी कार्यालय खोलने के लिए जमीन की खरीदारी की है,,,,मेरा सवाल जमीन खरीददारी को लेकर नही है मेरा सवाल खरीददारी के लिए जो तरीको का इस्तमाल किया गया है उससें है.
बिहार बीजेपी ने जमीन खरीद को लेकर जो तरीका अपनाया है वो पूरे तौर पर गैर कानूनी भी है साथ ही ये काम ऐसी पार्टी कर रही हो जो राजनीत में सूचिता का बात करता है और काले धन को लेकर देश कि जनता से 50 दिन का समय मांग रहा है.
साक्ष्य के रुप में इस पोस्ट पर लगे पांच कागजात को गौर से देखिए किस तरीके से पूरी खरीददारी बिचौलिया के माध्यम से कि गयी है और बड़े पैमाने पर काले धन का उपयोग हुआ है साथ ही सरकारी राजस्व कि भी चोरी की गयी है.
जरा गौर कीजिए घोटाले का खेल
अब जरा आप भी उस खेल को समझिए. बीजेपी सहरसा में पार्टी कार्यालय के लिए उत्तरी बनगांव में 11 अगस्त को रुबी कुमारी, पिता राज रमण कुमार से 8.7320 डिसमिल जमीन सरकार के व्यवसायिक दर 4लाख 90 हजार रुपया है प्रति डिसमिल के हिसाब से खरीददारी है. जिसके तहत 42 लाख 78,680 रुपये बीजेपी ने उसको भुगतान किया.
फिर उसी जमीन को स्टेट हाइवे से बाहर दिखा कर उसके पीछे के भाग को 12 अगस्त को बिक्री की गयी जिसमें जमीन को आवासीय भूमि दिखाया गया है और सरकारी दर 1 लाख 60 हजार रुपया प्रति डिसमिल है. जिसके तहत 26.630 डिसमिल जमीन बीजेपी ने खरीदी और इसके लिए 42 लाख 60,800 रुपया रुबी कुमारी को दिया गया इससे सरकार के राजस्व का क्या नुकसान हुआ. जरा आप भी समझिए व्यवसायिक जमीन की दर 4लाख 90 हजार प्रति डिसमिल है और आवासीय भूमि का दाम 1 लाख 60 हजार रुपये. मतलब 3 लाख 30 हजार रुपया प्रति डिसमिल दर की चोरी की गयी और इस तरह इन्होनें 87 लाख 87 हजार 900 रुपया के टैक्स की चोरी कर ली गयी.
इसी तरह का खेल किशनगंज में भी खेला गया है जहां बीजेपी ने 19 सितम्बर को किशनगंज शहर के फरिंगगोला मुहल्ले में गंगिया देवी पति परशुराम सिंह से 35.6850 डिसमिल जमीन की खरिददारी 1.10 हजार की दर से आवासीय भूमि की दर पर खरीददारी की और फिर उसी जमीन के फ्रंड को व्यवसायिक जमीन बता कर 20 सितम्बर को गंगिया देवी के पति परशुराम सिंह से 16,3150 डिसमिल जमीन व्यवसायिक दर पर खरीदी जिसका सरकारी दर 1,92,500 लाख रुपया है.
अब आप समझ गये होंगे कि किस तरीके से बीजेपी ने सरकारी राजस्व कि चोरी कि है और हम आपको बता दें जिस इलाके में ये जमीनें हैं वहां लगभग 4 डिसिमिल जमीन कि कीमत 20 से 22 लाख रुपये है. इससे कम में जमीन मिल ही नहीं सकती है.
ये सब जानते हैं कि बिहार कि कौन कहे ये देश के किसी दूसरे हिस्से में भी सरकारी दर पर कही भी जमीन नही मिलती है तो फिर होता क्या है सरकारी रेट आपका उजला धन हुआ और बाकी पैंसा आपका काला धन हुआ. इस तरह बीजेपी ने भी काले धन के इस खेल में कही ना कही भूमिका जरुर निभाई है इसका बीजेपी को जबाव देनी चाहिए.इस बीच कैमरे पर परशुराम सिंह ने तो स्वीकार किया कि सारा पैंसा कैस मिला है इतना ही अधिकांश विक्रेता को बीजेपी ने कैस पैंसा ही दिया है.
जमीनों की और सूची
1—गया में रसलपुर में बीजेपी जमीन खरीदी है 1 लाख रुपया प्रति डिसमिल आप ही बताये रसलपुर गया पटना स्टेट हाईवे पर शहर से मात्र पांच किलोमीटर बाहर है क्या इस रेट में जमीन मिलेगा।।
2—अरवल मे बेदरावाद में जमीन खरीदा है50 हजार रुपये डिसमिल यही रेट है
3—अररिया में आश्रम रोड जमीन
4—कटिहार में डलान
5—लख्खीसराय में वार्ड नम्बर 16 पचना रोड
इस सारे खरीददारी में एक खास बात है जिसे गौर सकते है सभी जमीन स्टेट हाइवे या फिर एनएच से जुड़ा हुआ है.
[author image=”https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2016/11/santosh.singh_.jpg” ]संतोष सिंह- डेढ़ दशक से बिहार की पत्रकारिता में सक्रिये. ईटीवी समेत अनेक न्यूज चैनल्स में सवायें दी और मजबूत पहचान बनायी. फिलवक्त कशिश न्यूज से जुड़े हैं.[/author]