हर पुरुष शाह जहां होता तो पत्नी के लिए ताजमहल ही बनवा देता. इसलिए लोग सामर्थ अनुसार पत्नियों के लिए गहने जरूर बनवाते हैं लेकिन इस आईएएस अफसर ने बीवी के लिए जो गहने बनवाये वो चोरी हो गये.
दरभंगा पुलिस इन गहनों को तीन महीने में भी बरामद नहीं कर सकी है.
अपनी पत्न के गहने गुम हो जाने से व्यथित आईएएस अफसर अब गांधीवादी आंदोलन पर उतरने का फैसला किया है. पुलिस के लाख प्रत्यतन के बावजूद गहने बरामद नहीं किये जा सके.
आईएएस अजीत वसंत की पत्नी डा. रूपल ठाकुर के गहने पिछले वर्ष 23 अक्टूबर को दरभंगा आने के क्रम में बस की छत पर रखे लगेज से चोरी हो गये थे. डा. रूपल दरभंगा मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रही हैं. वंत खुद छत्तीसगढ में राजनंदन गांव के एसडीएम हैं.
वे पिछले तीन महीने से इस इंतजार में है कि उनकी पत्नी के गहने बरामाद हो जाये. लेकिन अब जब वह बहुत निराश हो चुके हैं तो उन्होंने दरभंगा के एसएसपी कार्यालय के सामने पत्नी के साथ धरना देने का फैसला लिया है.
हालांकि इस तरह के गांधीवादी आंदोलन के लिए उन्हें छत्तीसगढ के मुख्यसचिव से अनुमति लेनी होगी. एक स्थानीय अखबार के अनुसार वसंत 20 जनवरी को धरने पर बैठने की घोषणा की है लेकिन इसकी विधिवत सूचना दरभंगा के एसएसपी अजीत कुमार सत्यार्थी को नहीं है.