यह सनसनीखेज मामला उस पुलिस अधिकारी की है जो खुद अपनी पत्नी की हत्या मामले में अदालत की नजरों में फरार हैं पर मुजफ्फरपुर के एक थाने में थानेदार की हैसियत से मजे से काम कर रहे हैं.
विनायक विजेता की रिपोर्ट
ताजा उदाहरण पटना के शास्त्रीनगर थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 353/2012 है। इस प्राथमिकी की आवेदिका ऊषा देवी ने बीते 18 नवम्बर 2012 को अपनी नवविाहिता पुत्री सोनी को जहर देकर हत्या करने के आरोप संबंधी यह प्राथमिकी दर्ज की थी। दहेज में एक स्कार्पियो की मांग को लेकर अपनी पुत्री को बारंबार प्रताड़ित करने और बाद में उसकी जहर देकर हत्या करने के आरोप में ऊषा देवी ने दारोगा पद पर तैनात अपने दामाद अमित कुमार कौशिक, अपने समधी रामदहीन सिंह पुत्री की ननद निशा देवी को आरोपित किया था।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार जिस समय सोनी की जहर देकर हत्या की गई थी वह गर्भवती थी। इस मामले में मृतका सोनी के वेसरा की जांच भी हुई जिसमें उसकों जहर दिए जाने की पुष्टि भी एफएसएल ने कर दी। तमाम हालात, सटीक साक्ष्यों और रिपोर्टो को देखते हुए सचिवालय डीएसपी शिबली नोमानी ने बीते 28 अप्रैल को अपने सुपरवीजन रिपोर्ट में पत्नी को जहर देकर मारने के आरोप में दारोगा अमित कुमार कौशिक की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया।
शास्त्रीनगर पुलिस ने उक्त दारोगा की गिरफ्तारी के लिए वारंट भी हासिल कर लिया। यहां तक कि मुजफ्फरपुर के कटरा थाने में थानाध्यक्ष के रुप में पदस्थापित अमित कौशिक ने गिरफ्फतारी से बचने के लिए पटना के जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका भी दायर की पर याचिका 21 मई को खारिज हो गई।
एसपी ने कहा, होगी कार्रवाई
बहरहाल यह कितने अचरज की बात है कि पत्नी की हत्या के आरोपी उस पुलिस अधिकारी को ही उसका भिाग बचाने और उसे फरार दिखाने में लगा है जो मुजफ्फरपुर जिले के कटरा जैसे महत्वपूर्ण थाने का वर्तमान में थानाध्यक्ष हैं। इस संदर्भ में पूछे जाने पर मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने अचरज जताते हुए कहा कहा कि उन्हें इस तरह किसी मामले का पता नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि वो पटना के शास्त्रीनगर थाने से इस मामले की तुरंत जानकारी लेंगे और आरोपित थाना प्रभारी के खिलाफ शख्त कार्रवाई करेंगे।