पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के दो हफ्ते बाद पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिलते दिख रहे हैं. पुलिस को संदेह है कि पत्रकार की हत्या में कुख्यात शूटर विकास कुमार सिंह का हाथ रहा होगा क्योंकि हत्या के एक दिन पहले से ले कर हत्या के एक दिन बाद तक वह सीवान में ठहरा था.
पुलिस का कहना है कि विकास अपने साथी चवन्नी से मिलने सीवान के मंडल कारा पर 12 मई को आया था. इसके बाद वह 14 मई तक रहा. जबकि 13 मई को पत्रकार राजदेव की हत्या हुई. ऐसे में पुलिस पत्रकार हत्याकांड के साथ विकास के कनेक्शन की जांच कर रही है. जांच में यह भी सामने आया है कि तीन दिन के दौरान विकास आंदर थाने के नरेंद्रपुर गांव में रहा था.
भाजपा नेता श्रीकांत भारतीय हत्याकांड के बाद पत्रकार राजदेव हत्याकांड में भी उपेंद्र सिंह के मास्टरमाइंड के रूप में शामिल होने की कयास लगा रही पुलिस को हर दिन नये सुराग हाथ लग रहे हैं. पत्रकार राजदेव की हत्या के एक दिन पूर्व से लेकर एक दिन बाद तक कुख्यात शूटर विकास कुमार सिंह भी जिले में ही रहा था. भाजपा नेता श्रीकांत हत्याकांड में शामिल रहे तीन शूटरों में से विकास भी एक है. ऐसे में राजदेव की हत्या से भी विकास के तार जुड़े होने की संभावनाओं को आधार बना कर पुलिस घटना की जांच कर रही है.
वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई की शाम अपराधी रेलवे स्टेशन रोड पर गोली मार कर हत्या कर देते हैं. उधर, सुपारी किलर विकास कुमार सिंह उस दिन जिले में ही रहता है. भाजपा नेता श्रीकांत हत्याकांड में शामिल रहे तीन सुपारी किलर चवन्नी सिंह उर्फ अमित कुमार सिंह उर्फ मोनू ,शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलेंद्र यादव के साथ ही विकास कुमार सिंह पर पुलिस का संदेह पुख्ता होता जा रहा है. चवन्नी इस समय जेल में बंद है जबकि विकास और शैलेंद्र बाहर हैं.
दैनिक हिंदी अखबार हिंदुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन 24 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे थे. उनकी 13 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.