बिहार में अभी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले मूल्य वर्द्धित कर (वैट) के कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण लोगों को केंद्र सरकार की इन दोनों पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में की गई ढाई-ढाई रुपये की कटौती से अधिक की राहत नहीं मिल पायेगी।
उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों के केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की राज्यों से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती की अपील के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हर राज्य की परिस्थतियां अलग होती है। उन्होंने स्वीकार किया कि पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमत चिंता का विषय है, लेकिन उन्हें केन्द्र सरकार से इस संबंध में अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। केन्द्र सरकार से पत्र मिलने पर उसका अध्ययन किया जायेगा और फिर कोई फैसला होगा।
उल्लेखनीय है कि श्री जेटली ने कहा है कि केन्द्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थो पर डेढ रुपये उत्पाद कर कम कर रही है जबकि तेल कम्पनियां इसमें एक रुपये प्रति लीटर की कटौती करेंगी, जिससे आम लोगों को ढाई रुपये प्रति लीटर तक राहत मिलेगी। साथ ही उन्होंने (जेटली)राज्य सरकारों से अपील की थी कि वे भी अपने यहां ढाई रुपये तक वैट कम करे, जिससे लोगों को कम से कम पांच रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सके। श्री जेटली की इस अपील पर अमल करते हुये भारतीय जनता पार्टी शासित कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और गुजरात ने पेट्रोल और डीजल की कीमत पर राज्य के वैट में ढाई-ढाई रुपये प्रति लीटर कटौती करने की घोषणा की है।