जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक व सांसद पप्पू यादव ने इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणामों पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। आज पटना में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि इस मामले हमें में एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है, क्योंकि इसमें उन्हीं अधिकारियों रखा जाता है, जिनको बचाया जाता है। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस प्रकरण की जांच वर्तमान हाई कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए।
नौकरशाही डेस्क
सांसद ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बिहार के बच्चों का देश भर के किसी अच्छे कॉलेजों में दाखिला नहीं हो पाएगा। मुख्यमंत्री जी, आपके और आपके मंत्री व बोर्ड के अध्यक्ष के कथनी और करनी में फर्क है। आप कह रहे हैं एक महीने में कॉपी मूल्यांकन किया जाएगा। मंत्री और बोर्ड अध्यक्ष कह रहे हैं दो दिन में ऑनलाइन आवदेन करें। अब पहले आप स्थिति स्पष्ट करिए और छात्रों को बिना परेशान किए छात्रों को फिर से उनके जिले में बुलाकार इंटरव्यू करवाइये। उन्होंने कहा कि 3027 कॉलेजों में से 645 कॉलेजों में एक भी बच्चा पास नहीं किया। अलग – अलग मार्कशीट दिया गया। बिहार को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया है।
उन्होंने आंसर शीट को अपलोड करने की मांग करते पूछा कि मंत्री कह रहे हैं कि टाइट और पारदर्शी तरीके से एग्जाम लेने के कारण रिजल्ट ऐसा आया है। तो क्या UPSC, IIT, CBSE का एग्जाम टाइट और पारदर्शी तरीके नहीं होता है ?यूपीएससी में आज बिहार के 31 बच्चों ने सफलता हासिल किया है। हम पूछना चाहते हैं कि जिस छात्र ने बायोलॉजी का एग्जाम दिया, उसको दूसरे विषय में कैसे नंबर दे दिया जाता है। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जिन छात्रों ने आईआईटी जैसे एग्जाम को क्वालीफाइ किया है, वैसे छात्रों को भी ऑब्जेक्टिव में शून्य, एक, दो नंबर कैसे दिया गया है। इसलिए बदनामी से अच्छा है कि सब ऑनलाइन अपलोड कर दीजिए। इससे पता चल जाएगा कि गलत बच्चे हैं या आपका सिस्टम गलत है।
सांसद ने पांच जून को पूरे बिहार में कॉलेज/ यूनिवर्सिटी बंद कराने की बात कही है। छह जून को सभी जिला मुख्यालय पर शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पर तालाबंदी और प्रदर्शन, सात जून को बोर्ड ऑफिस में के समाने प्रदर्शन करेंगे। इस मामले में अगर न्यायायिक जांच, आंसर शीट ऑनलाइन और दोषियों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुआ तो बिहार बंद का आह्वान करेंगे।