नवगठित जन अधिकार मोर्चा के प्रमुख पप्पू यादव ने नेताओं को मां-बहन की गालिया देते हुए कहा है कि नाग सांप मिले तो छोड़ देना चाहिए लेकिन नेता मिले कंठ पर लात से मारिये.
एबीपी न्यू के मुताबिक पप्पू यादव ने कहा, हर नेता **** ٭٭٭ होता है. मेरा बस चले तो राजनेता मिले तो शूट एंड साइट कर देना चाहिए. नाग मिले छोड़ देना चाहिए. राजनेता मिले लात कंठ पर देकर मारिए. सोसाइटी को किसी ने कमजोर ने किया तो वह मा ******* राजनेता है.”
विवादास्पद बयान का वीडियो सामने आने के बाद पप्पू यादव ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि उन्होंने जो कहा उसपर उन्हें अफसोस नहीं है.
लेकिन प्पू यादव अपनी बात पर डटे रहे और कहा कि उन्होंने ये बातें बंद कमरे में अपने कार्यकर्ताओं के बीच की और ये बातें उन्होंने इसलिए कही क्योंकि राजनेता गरीबों की बात नहीं करता.
पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने जहानाबाद दंगे को लेकर नेताओं की चाल से व्यथित होकर इस जुबान में अपने कार्यकर्ताओं से अपनी बात की. गौरतलब है कि जहानाबाद में दो समुदायों के बीच भूमिविवाद के कारण दंगा की स्थिति बन गदयी थी. लेकिन पुलिस सतर्कता के कारण इस पर काबू पा लिया गाया.
फेसबुक पर दी सफाई
इस विवाद के गहरे हो जाने के बाद पप्पू यादव ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान दिया है. इसमें उन्होंने कहा है कि बंद कमरे में अपने कार्यकर्ताओं के बीच मैंने कुछ बातें कही थी । इसके पहले हमने जहानाबाद में दंगा भड़कने के कारणों को जाना था । परेशान लोगों की पीड़ा सुनी थी । नेताओं की भूमिका को लेकर आमजनों में जो गुस्सा था,वह कार्यकर्तार्आें को मैंने बताया । अब पूरे प्रसंग को बताये बिना बंद कमरे की मेरी बातचीत के कुछ अंश को टीवी चैनलों पर दिखाकर हंगामा खड़ा किया जा रहा है ।
अपनी बातें स्पष्ट करते हुए मैं दोहराना चाहता हूं कि जहानाबाद का दंगा नेताओं की वजह से फैला । रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई । यह सब चुनावी चाल है । लोगों में नेताओं के चाल-चरित्र को लेकर गुस्सा है । मैंने जरुर कहा कि दंगा भड़काने वाले नेता समाज के लिए नाग से भी अधिक खतरनाक हैं
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