वैदिक मिथकों के अनुसार, जीवन में 16 संस्कार होते हैं। इसमें से एक है परिणय संस्कार यानी वैवाहिक जीवन की शुरुआत। नयी जिम्मेवारियों का अहसास। इसके साथ ही एक भव्य आयोजन भी। जहां भव्यता होगी, वहां व्यापकता भी आएगी। व्यापकता होगी तो बाजार भी आएगा। और बाजार के लिए हर आयोजन एक इवेंट है।
वीरेंद्र यादव
परिणय संस्कार के साथ इवेंट भी हो गया है। शादी सदियों से इवेंट रहा है। राजा जनक के दरबार में ‘सीता स्वयंवर’ भी एक इवेंट था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना दहेज वाले शादी में ही शामिल होते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री ही सबसे बड़ा ‘अतिथि’ होता है और हर कोई वैवाहिक कार्यक्रमों में सीएम को बुलाना चाहता है। नीतीश तो बिना दहेज के शादी करने वालों के घर जाकर भी शुभकामनाएं दे आते हैं। क्योंकि सरकार का कैंपेन है दहेज रहित शादी। शादी में सीएम शामिल हों तो सबसे बड़ा इवेंट। लेकिन बिना दहेज की शादी मानने का आधार क्या है, इसकी घोषणा सरकार ने नहीं की है। आम धारणा है कि कुछ लोग सीएम को विश्वास दिला देते हैं और कुछ लोग बिना दहेज शादी का शपथ पत्र दे आते हैं।
बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बड़े बेटे उत्कर्ष की शादी कल रविवार को है। लड़की वालों का सरनेम ‘वर्मा’ है। इसलिए यह अंतरजातीय विवाह भी होगा। शादी में दहेज नहीं लिया गया है, इसकी घोषणा शादी के निमंत्रण पत्र में ही है। इसलिए यह भी तय है कि मुख्यमंत्री भी आएंगे। शादी में सीएम के आने से समारोह इवेंट भी हो जाएगा।
रविवार को उत्कर्ष की शादी पटना का सबसे बड़ा इवेंट है। तैयारी भी भव्य तरीके से की जा रही है। शादी दिन में है वेटनरी कॉलेज मैदान में। बारात का संबंध रात से है, इसलिए शादी में शामिल होने वालों को बाराती भी नहीं कह सकते हैं। शादी के मौके पर आने वालों में सभी पार्टियों के नेता, अधिकारी, पत्रकार और दूसरे राज्यों के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। यह बड़ा इवेंट होगा। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी भी व्यापक स्तर की जा रही है।
सुशील मोदी की खुद की शादी भी इवेंट थी। लेकिन उसमें बाजार नहीं था। अतिथि के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता अटलबिहारी वाजपेयी भी परिणय के मौके पर मौजूद थे। उत्कर्ष की शादी एक इवेंट है। इवेंट का सोशल वैल्यू भी है और मार्केट वैल्यू भी। इवेंट होता है बाजार में छाने के लिए, समाज में गाने के लिए। लेकिन कल का इवेंट उससे आगे का है। इसका राजनीतिक बाजार भी है। नीतीश कुमार उत्कर्ष की शादी को ‘ब्रांड’ के रूप में अपनी सभाओं के पेश करेंगे और सुशील मोदी समर्थक उमुख्यमंत्री को सरकार के देहज रहित अभियान का ‘ब्रांड अंबेसडर’ के रूप में पेश करेंगे। आम आदमी तो बस ‘शाही शादी’ की खबरों से आनंदित हो रहा है।
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तस्वीर 1: वेटनरी कॉलेज मैदान में शादी समारोह की तैयारी।
तस्वीर 2: 13 अप्रैल, 1986 सुशील मोदी की शादी में शामिल हुए अटल बिहारी वाजपेयी।
तस्वीर 3: दहेजरहित शादी करने वाले एक दंपति के आवास पर जाकर सीएम ने दी शुभकामना।