बिहार विधान परिषद में सरकारी अस्पतालों में दावा की आपूर्ति नहीं होने को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के बीच नोकझोंक हुई। भाजपा सदस्य मंगल पाण्डेय द्वारा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति को लेकर पूछे गये एक अल्पसूचित प्रश्न का स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप द्वारा दिए जवाब से असंतुष्ट प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के पूछे जाने कि कब तक हो जायेगा, मंत्री ने कहा कि दो महीने के भीतर आपूर्ति कर दी जायेगी।
सुशील के यह पूछे जाने कि क्या इसके लिए निविदा निकाली गयी है, मंत्री ने कहा कि इस बारे में इसकी जानकारी तत्काल उनके पास नहीं है, लेकिन पता करके उन्हें जानकारी उपलब्ध करा देंगे। प्रतिपक्ष के नेता के प्रदेश में दवा घोटाले के बाद सरकारी अस्पतालों में पिछले दो सालों से दवा की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाए जाने पर मंत्री के यह कहे जाने पर कि आप ही पार्टी के अश्विनी कुमार चौबे के कार्यकाल के दौरान उक्त घोटाला हुआ विपक्षी सदस्य भड़क गये और अपनी सीट से खड़े होकर शोर-शराबा करने लगे। मंत्री के इस आरोप पर प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने आरोप लगाया कि उक्त दवा घोटाला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य विभाग के प्रभार में रहने के दौरान हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर तक जारी यह नोकझोंक सभापति अवधेश नारायण सिंह के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हुआ और उसके बाद प्रश्नकाल सुचारु रूप से चला।