मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मैट्रिक की परीक्षा में नकल की शिकायतों पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह पूरे बिहार की सच्चाई नहीं है। अपने फेसबुक पोस्ट पर उन्होंने लिखा है कि बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में नकल की जो तस्वीरें सामने आई हैं, मैं उनके प्रत्येक पहलू के विरूद्ध हूँ।
उन्होंने कहा कि बिहार के छात्र मेधावी हैं और देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा से अपनी जगह बनाते रहे हैं। नक़ल की कुछ तस्वीरें बिहार की प्रतिभा पर हावी नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर सचेत है और गड़बड़ी की खबर मिलते ही सरकार ने इस प्रक्रिया से जुड़ी प्रत्येक एजेंसी से पूरी सतर्कता और जवाबदेही से काम करने को कहा है। अतः प्रशासन के काम की छवि महज़ इन तस्वीरों से नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया को सुचारू ढंग से क्रियान्वित करने के आधार पर आंकी जानी चाहिए।
नीतीश ने कहा कि बिहार में नक़ल में सहयोग देने वाले छात्र का और बिहार का नुकसान कर रहे हैं। नकल से मिले इस सर्टिफिकेट का असल जीवन में उपयोग नहीं होगा और इस तरह से उत्तीर्ण छात्र का मनोबल सदैव के लिए कमजोर रहेगा। नकल के प्रयास सदैव के लिए छात्र को नकल पर निर्भर करने की मानसिकता से बोझिल कर देंगे। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि नकल करने-कराने का हिस्सा न बनें। छात्र सर्टिफिकेट से नहीं काबलियत से आगे बढ़ते हैं और इसके लिए परिवार और समाज को प्रेरणा भी देनी होगी और सहयोग भी। उधर सरकार ने प्रमंडलीय आयुक्त और डीआइजी को परीक्षा में कदाचार रोकने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने कठोर कार्रवाई की है।