राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पर्यावरण असंतुलन पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी देश पर्यावरण को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपरण करने के बजाए यदि अपनी जिम्मेवारियों को नहीं निभाते हैं तो पूरी मानव सभ्यता को गंभीर परिणाम भुगतना होगा । श्री मुखर्जी ने आज नालंदा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में कहा कि पर्यावरण सिर्फ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी सभ्यता के लिए गंभीर चिंता का विषय है । आने वाले समय में मानव सभ्यता अपने आप को कैसे बचा पायेगी, यह गंभीर चुनौती है । आज पर्यावरण को लेकर सभी बड़े देश एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं , लेकिन कोई भी जिम्मेवारी नहीं ले रहा है।
नालंदा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोलेे प्रणव मुखर्जी
श्री मुखर्जी ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत विश्व को ज्ञान की रौशनी देता आ रहा है । यहां तक्षशिला , नालंदा , विक्रमशिला और कई अन्य विश्वविद्यालय थे, जहां उच्च शिक्षा के लिए देश-विदेश से लोग आते थें । उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय से कई विद्वान और बौद्ध भिक्षु चीन गये थें लेकिन यह सिर्फ एकतरफा नहीं था । चीन से भी कई विद्वान यहां आयें । राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हे खुशी है कि एक दशक पहले जिस नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने का विचार आया था उसने आज एक आकार ले लिया है । नालंदा विश्वविद्यालय उसी विचार और संस्कृति को प्रतिबिंबित करता है जिसे 13 वीं शताब्दी में ध्वस्त कर दिया गया था ।
इस मौके पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली अतीत को फिर से बहाल करने के लिए हर संभव सहयोग दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का आज पहला दीक्षांत समारोह हो रहा है , यह बिहार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए
गौरव की बात है । इस बीच राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बिहार के दो दिवसीय दौरे के बाद आज बेंगलुरु के लिए रवाना हो गये । राष्ट्रपति श्री मुखर्जी के यहां के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर रवानगी के समय बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , पटना के महापौर अफजल इमाम , कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य रामचंद्र भारती ,राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह , पुलिस महानिदेशक पी.के. ठाकुर के अलावा कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थें ।