तो क्या जेएनयू में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले देशद्रोही कोई और नहीं आरएसएस के छात्रसंगठन अखिल भारीतीय विद्यार्थी परिषद के लोग थे?
यूट्यूब पर जारी इस वीडियो को देखने के बाद संभव है देशद्रोह की रट लगाने वाले खुद ही देशद्रोही न साबित हो जायें. इस फुटेज में यह दावा किया जा रहा है कि जब 9 फरवरी को कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे तो तो पीछे से उस नारे को दोहराने वाले चेहरे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक्टिविस्ट थे. गौरतलब है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आरएसएस का छात्र संगठन है.
इस वीडियो में एंकर सवाल कर रहा है कि क्या यह कोई बड़ा षडयंत्र नहीं जो पहले से रचा गया था. एक मिनट 32 सेकंड के इस वीडियो को देखने के लिए क्लिक करें. नौकरशाही डॉट कॉम ने इस वीडियो की सत्यता के बारे में कोई दावा नहीं करती.
टीवी चैनलों की रिपोर्ट को एक पक्षीय बताते हुए इस वीडियो का एंकर दावा कर रहा है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों को दोहराने वाले इन चोहरों को देखिए तो सच्चाई सामने आ जायेगी.
अब सवाल यह है कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हिया की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार इस वीडियो के आधार पर जो इस वीडियो में नजर आ रहे हैं उन्हें गिरफ्तार करेगी?
‘द कंस्प्रेसी’ नाम से जारी इस वीडियो के मुताबिक ‘जेएनयू के बारे में मीडिया जो दिखा रहा है, वह पूरी तरह से बायस्ड, अधूरा और सनसनीखेज है। वीडियो में जब पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे सुनाई दे रहे हैं, उस वक्त स्क्रीन पर एबीवीपी के कार्यकर्ता दिख रहे हैं। इसके बाद जब पीछे से पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारों की आवाज़ आ रही है तो वीडियो में दिख रहे एबीवीपी कार्यकर्ता जवाब में ज़िंदाबाद जिंदाबाद बोल रहे हैं।