पसमांदों को एस०सी०/ एस०टी० एक्ट 1989 में एडजस्ट किया जाए: मुस्लिम मोर्चा
पटना 16 सितम्बर 2023,
बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राईन ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पसमांदा भारत में महासेवक का रौल अदा करते हैं। पंक्चर बनाना, कचड़ा उठाना,चिकने,मटन बनाना, साग_ सब्जी बेचना,सिलाई बुनाई कढ़ाई, मजदूरी आदि इनके प्रमुख सेवा हैं। इस मामले में यह आत्मनिर्भर है और यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। साम्प्रदायिक तनाव या दंगे होने पर इस सिलसिले पर ब्रेक लगता है और सारा समाज इसकी मार झेलता है।
यु एम एम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमाल अशरफ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दक्षिण भारत में भाजपा की कार्यकारिणी में जमकर पसमांदा (पिछड़े व दलित) मुसलमानों और उनकी स्थिति पर अपनी बात कही ऐसा पहली दफा हुआ कि देश का कोई प्रधानमंत्री इस तरह बेबाकी से बार बार पसमांदा मुसलमानों के सम्बन्ध में अपनी बात रख रहा, अभी कुछ ही दिनों पहले 15 अगस्त को लालकिले से भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों के प्रश्न को उठाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ अत्याचार और दूसरी तरफ पसमांदों के ज़ख्मों पर मरहम लगाने की बात दोनो कैसे होगी।
श्री अशरफ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा चाहती है कि पसमांदा मुसलमान उनसे जुड़े उनकी पार्टी के लिए वोट करें तो उन्हें चाहिए कि
1 _ संविधान की धारा 341(3) से 1950 का राष्ट्रपति अध्यादेश वापस ले या हिन्दू, सिख और नव बौद्धों की तरह मुसलमानों को भी इसमें शामिल करें।
2 _ धार्मिक प्रतिबंध वापस नहीं ले सकती है और हिन्दू सिख बौद्ध की तरह शामिल भी नहीं कर सकती तो दलितों से बदतर जिंदगी गुजारने वाले दलितों के समान मुस्लिम धोबी,नट,बक्खो,पमड़िया,मोची,भंगी,दफाली, लालबेगी,मेहतर,मीरयासीन, बंजारा,फकीर आदि जातियों को अनुसूचित जातियों के समान अधिकार दिया जाए।
3 _ कुछ भी नहीं कर सकते हैं तो मुसलमानों के सुरक्षा की कानूनी गारेंटी दी जाए ।
युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर ने कहा कि पसमांदा जो मुस्लिम आबादी का 85% है, केवल सुरक्षा की गारंटी पर ही अब तक वोट देता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के इन 75 वर्षों में हमें सिर्फ संघ _ फोबिया के खिलाफ एलर्ट किया गया और हमारे वोट का दोहन किया गया है।इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस एवं समाजवादियों के शासनकाल में हमें सुरक्षित रहने का एहसास ज़रूर रहा लेकिन दक्षिण पंथियों की सरकार आने पर असुरक्षा की भावना छा जाती है।
मोर्चा नेता मो मुश्ताक आजाद ने कहा कि अत्याचार निवारण एक्ट 1989 ,जिसे आमतौर पर SC / ST Act कहते हैं। इससे सामाजिक अत्याचार (Social Violence) पर बहुत हद तक कंट्रोल किया है। इसी कानून में अगर समतुल्य पसमांदा को भी एडजस्ट कर दिया जाए तो फिर साम्प्रदायिक दंगों पर भी रोक लग जाएगी।
मुस्लिम मोर्चा ने केंद्र सरकार से मांग की कि आने वाले विशेष संसदीय सत्र में एक आर्डिनेंस लाकर समतुल्य पसमांदों को भी अत्याचार निवारण एक्ट 1989 में एडजस्ट किया जाए। ये प्रधानमंत्री को राजनीति शक्ति देने में बड़ा रोल अदा करेंगे।
भवदीय
कमाल अशरफ राईन
राष्ट्रीय अध्यक्ष
8340553719