पूर्व वित्त मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के साथ ही आर्थिक सुधार की दिशा में उठाये गये कदमों की सराहना करते हुये केंद्र से अगले नये वित्त वर्ष की शुरुआत 01 अप्रैल के स्थान पर 01 जनवरी से करने की मांग की।
श्री मोदी ने पटना में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करके तंत्र में कालाधन और जाली नोटों के प्रसार को रोकने के लिए साहसिक कदम उठाया है। इसके अलावा आर्थिक सुधार के क्षेत्र में उठाये गये कदम जैसे आजादी के बाद पहली बार साम्राज्यवादी परिपाटी को बदलते हुये 01 फरवरी को बजट पेश करना, रेल बजट को केंद्रीय बजट में समाहित करना, योजना एवं गैर योजना व्यय के वर्गीकरण को समाप्त करने के साथ ही वित्त विधेयक को मई-जून के स्थान पर 31 मार्च से पहले पारित कराना सराहनीय है। इस क्रम में सुधारों को गति देने के लिए मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि वह आगामी नये वित्त वर्ष को 01 अप्रैल की जगह 01 जनवरी से शुरू करने ही भी पहल करे।
भाजपा नेता ने कहा कि पहले फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता था, जो मई-जून में पारित होने के बाद लागू होता था। इससे सरकार विभागों को खर्च करने के लिए राशि मिलने में करीब चार महीने का विलंब होता था लेकिन प्रधानमंत्री की अगुवाई में ब्रिटिशकाल की इस प्रथा को बदलकर कल पहली बार बजट 01 फरवरी को पेश किया जाएगा और इसे 31 मार्च से पहले पारित करा लिया जाएगा।