प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति से जुड़े अध्यादेश को संसद की मंजूरी के लिए लाया गया भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार विधेयक को कल राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गयी।
लोकसभा पहले ही पास कर चुकी है ।
लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद राज्यसभा में अल्पमत होने का अभिशाप झेल रही भाजपा ने बहुमत की पहली परीक्षा सफलता पूर्वक पास कर ली । उसने यह भी साबित कर दिया कि सदन के अंदर विपक्षियों को साधने में भी वह निपुण है ।
कल राज्यसभा ने इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी । संसद में प्रमुख विपक्षी दलों सपा, बसपा, अन्नाद्रमुक, टीएमसी और एनसीपी ने भी विधेयक के पक्ष में अपनी राय जाहिर की थी और इसका समर्थन देने की घोषणा भी की थी ।
सरकार द्वारा इस विधयेक को पेश करने के बाद बहस हुई । इसके बाद विधेयक को राज्यसभा ने पास कर दिया । संसद के दोनों सदनों की स्वीकृति के बाद यह विधेयक राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी मिलने के बाद कानून का रूप ग्रहण कर लेगा ।
इसके बाद नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति पर उठे विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा । इस विधेयक के प्रावधान के अनुसार, ट्राई के अध्यक्ष अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी किसी भी सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में पद ग्रहण कर सकेंगे । उल्लेखनीय है कि नृपेंद्र मिश्र ट्राई के अध्यक्ष पद से रिटायर्ड हुए थे और पहले यह कानून था कि ट्राई के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वह किसी भी दूसरे सरकारी पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता.