एक सनसनीखेज मामले में गुप्तचर संस्थाओं ने कर्नाटक पुलिस को अलर्ट किया है कि वह तीन आईएएस और दो आईपीएस अधिकारियों द्वारा जारी पास्पोर्ट सत्यापन प्रमाण पत्र को स्वीकार न करे.
इन अधिकारियों का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. सेनटाइम्स की खबरों में बताया गया है कि इन अधिकारियों में से एक डीजी रैंक के अधिकारी हैं.
इंटेलिजेंसे ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि उच्च पद पर आसीन अधिकारी अपने विशेषाधिकार का प्रोयग करते हुए सत्यापन प्रमाण पत्र जारी करते हैं और उसे पता चला है कि कुछ आपराधिक और संदेहस्पद आतंकी गिरोहों से जुड़े लोग अपने रसूख का फायदा उठा कर आईएएस व आईपीएस अधिकारियों से पास्पोर्ट सत्यापन प्रमाण पत्र जारी करवा लेते हैं.
ध्यान रहे कि एनेक्सचर- एफ (सत्यापन प्रमाण पत्र) तत्काल स्कीम के तहत जारी किया जाता है और यह वैसे आवेदकों द्वार समर्पित किया जाता है जिनके पास वैलिड आवासीय पता का अभाव होता है.
वैसे लोग अच्चपदस्थ अधिकारियों से अपने सम्पर्क के आधार पर ऐसे प्रमाण पत्र जारी करवा लेते हैं. ऐसे प्रमाण पत्र में संबंधित अधिकारी यह लिखता है कि वह आवेदक को निजी तौर पर जानता है और उसके अच्छे आचरण से पूरी तरह से परिचित है. लेकिन गुप्तचर सूत्रों का कहना है कि कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ अधिकारी अज्ञात लोगों के लिए भी सत्यापन प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं.
एक अधिकारी ने स्वीकार किया है कि आईबी और कुछ अन्य गुप्तचर संस्थाओं ने उन्हें यह अलर्ट जारी किया है कि उन आवेदनों को रद्द कर दिया जाये ताकि उन्हें पास्पोर्ट जारी नहीं किया जा सके.
सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों और आवेदकों द्वारा इस विशेषाधिकार का दुरोपयोग किया जा रहा है.