लोकसभा में आज प्रस्तुत किए गए रेल बजट में भारतीय रेलवे को एक बार फिर से भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख वाहक बनाने के उपाए सुझाए गए हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण प्रस्तावित कदम मिशन मोड में संपन्न किए जाएंगे।
मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा बजट प्रस्तावों में आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, ताकि भारतीय रेलवे को आर्थिक दृष्टि से निर्भर बनाना। इन लक्ष्यों में ग्राहकों के अनुभव में स्थाई और मापन योग्य सुधार लाना, रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना, भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्त विस्तार करना और उसकी असंरचना को आधुनिक बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बजट में पांच कारकों का सुझाव दिया गया है, जिनमें श्वेत पत्र, विजन-2030 दस्तावेज और पंचवर्षीय कार्ययोजना सहित मध्यावधि योजना अपनाने का प्रस्ताव शामिल है। दीर्घकालिक वित्त एवं विदेशों से प्रौद्योगिकी, संपर्क में सुधार लाने, चल स्टॉक में विस्तार और स्टेशन अवसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए प्रमुख हित धारकों के साथ साझेदारी की जरूरत होगी। भारतीय रेलवे अतिरिक्त संसाधनों पर भी बल देगा, उसका अगले पांच वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का विचार है।
यात्रियों के लिए 24X7 हैल्पलाईन नम्बर 138
श्री प्रभु ने कहा कि रेलवे द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए 88.5% के परिचालन अनुपात का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, प्रबंधन पद्धतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा और मानव संसाधन को समर्थ बनाया जाएगा। भारतीय रेलवे के माध्यम से यात्रा को सुखद अहसास बनाने के लिए बजट में साफ-सफाई पर बल दिया गया है और स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्टेशनों और गाडि़यों की सफाई के लिए नया विभाग बनाने का प्रस्ताव किया गया है। 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नए शौचालय बनाए जाएंगे, डिस्पोजल बिस्तरों की ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध कराई जाएगी। बजट में 24X7 हैल्पलाईन नम्बर 138, सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों के लिए निशुल्क नम्बर 182 का भी प्रस्ताव किया गया है।