वित्त वर्ष समाप्त होने में महज डेढ़ महीने बाकी है ऐसे में बिहार सरकार को बजट की राशि खर्च करना चुनौती है लेकिन उसके पांच हजार इनजीनियर हड़ताल पर पिछ आठ दिनों से डटे हुए हैं. बड़े पैमाने पर विकास कार्य बाधित हैं.
हड़ताली अभियंताओं और सरकार के प्रतिनिधि की बातचीत फिर विफल हो गयी है.
अपनी 16 सूत्री मांगों के सर्मथन में जल संसाधन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, लघु जल संसाधन, भवन निर्माण, पीएचइडी व नगर विकास विभाग में कार्यरत करीब पांच हजार अभियंताओं ने बुधवार को भी काम नहीं किया.
बिहार अभियंत्रण सेवा संघ के महासचिव राजेश्वर मिर्श ने कहा कि हड.ताल के कारण निर्माण कार्य विभाग के अधिकतर काम ठप हैं. कई बैठकें स्थगित करनी पड़ी हैं. 12 फरवरी को पथ निर्माण मंत्री व जल संसाधन मंत्री के साथ हुई वार्ता में कोई परिणाम नहीं आया.
इस बेनतीजा बातचीत के बाद अभियंता अपने आंदोलन को और तेज करने की योजना बना चुके हैं.14 फरवरी को संघ के बैनर तले अभियंता मशाल जुलूस निकालेंगे. संघ के अधिकारियों का साफ कहना है कि सरकार उनके वेतन और दीगर भत्ते पर गंभीर नहीं है ऐसे में विकास कार्यों के अधूरे पड़ने की जिम्मेदारी भी उसी की है.
इधर सरकार के एक प्रवक्ता ने स्वीकार किया है कि अधिकतर विभागों में वर्ष 2012-13 के लिए आवंटित बजट का लगभग चाली प्रतिशत राशि अभी खर्च नहीं हो पाया है और वित्त वर्ष समाप्त होने में मात्र डेढ़ महीने बाकी हैं.