अशफाक रहमान ने कहा कि भाजपा के इस घिनौने खेल में आरएसएस और संघपोषित चौनल भी उसका खुल कर साथ दे रहे हैं. उन्होंने कहा तारिक फतह एक जाहिल और पाकिस्तान का गद्दार व्यक्ति हैं जिन्हें वहां से निकाल दिया गया है. अशफाक रहमान ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी निकृष्ट और घिनौनी राजनीति से भारत के 25 करोड़ देशभक्त मुसलमानों के विरुद्ध घृणा फैला कर उन्हें अस्थिर करना चाहती है.
घृणा के इस खेल के लिए कांग्रेस जैसी तथाकथित सेक्युलर पार्टी को भी आड़े हाथों लेते हुए अशफाक रहमान ने कहा कि वह भी इससे पहले बांग्लादेश की भगोड़ी लेखिका तसलीमा नसरीन को भारत में पनाह दे कर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलवाने का मिशन पूरा कर चुकी है.
संघी चैनलों की साजिश
अशफाक रहमान ने इसके लिए संघपोषित चौनलों को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ये न्यूज चैनल मुसलमानों की वास्तविक समस्याओं पर बहस करने के बजाये मजहब को बदनाम करने और मुसलमानों के अंदर खलफसार मचाने में लगे हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि अगर इन चैनलों को मुसलमानों की चिंता होती तो वे मौलाना महमूद मदनी, मौलाना वली रहमानी जैसे मुस्लिम विद्वानों को चैनलों में आमंत्रित करके बहस करवाते. लेकिन उन्हें पता है कि इस्लामी और मुस्लिम मुद्दें पर इन विद्वानों को बुलाने से साकारात्मक पहलु उजागर होंगे, जो कि वे नहीं चाहते.
अशफाक रहमान ने मुसलमानों से अपील की है कि वे समाज को तोड़ने और घृणा फैलाने वाले इन चैनलों का बहिष्कार करें.