पटना में मीडिया के एक वर्ग ने जिस नारे को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ घोषित कर दिया था, उस पर स्थानीय प्रयोग शाला ने कोई भी ओपिनियन देने में असमर्थता जता दी है.
गौरतलब है कि 22 जुलाई को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने जाकिर नाइक और असदुद्दीन ओवैसी के समर्थन में प्रदर्शन किया था. कार्यकर्ताओं का दावा है कि इस दौरान उन्होंने ‘पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद’ व ‘पीएफआई जिंदाबाद’ का नारा लगाया था. लेकिन ज्यादातर टीवी चैनलों और अखबारों ने इस नारे को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ घोषित कर दिया.
इसके बाद राज्य भर में हांगामा खड़ा हुआ और पीएफाई के एक कार्यकर्ता के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया था.
पटना पुलिस ने इस हंगामे के बाद पटना की प्रयोगशाला में संबंधित वीडियो को जांच के लिए भेज दिया. लेकिन इस वीडियो की जांच के बाद प्रोयगशाला ने इस मामले में कोई भी राय देने में असमर्थता जताई है.
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि पटना की प्रोयगशाला द्वार इस मामले में कोई भी ओपिनियन नहीं दे सकने के बाद इस वीडियो को सेंट्रल फोरेंसिक लैब ( सीएफएल) भेजा गया है.
उधर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने फिर दावा किया है कि उस दौरान पाकिस्तान जिंदबाबद के नारे नहीं लगाये गये. उस अधिकारी ने बताया कि वे जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट हमारे पक्ष में जरूर आयेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम इस मामले को आगे तक ले कर जायेंगे.