विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने में मुख्य बाधा आतंकवाद है। श्री जयशंकर ने इससे पहले पाकिस्तान के अपने समकक्ष को यह संदेश प्रेषित किया कि वह उनके साथ बातचीत के लिए इस्लामाबाद आने को तैयार है, लेकिन यह बातचीत सिर्फ सीमा पार आंतकवाद पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि संबंधों के केन्द्र में आतंकवाद का मुद्दा आ गया है जिससे रिश्ते आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
विदेश सचिव ने नई दिल्ली में ‘विदेश संवाददाता क्लब’ के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा, “हालांकि हम सब सहमत है कि हमें आगे बढ़ना चाहिए लेकिन हमेशा यह आसान नहीं होता। पड़ोसी की तरफ देखने पर हम पाकिस्तान को लेकर एक अलग चुनौती का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान का आतंकवाद पर अलग रूख है जो उसे इस क्षेत्र में एक मुश्किल साझेदार बनाता है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी कूटनीति के एक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
साथ ही उन्होंने भारत-चीन के रिश्तों में आई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ इन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारत की कूटनीति अब ज्यादा व्यवहारिक, नतीजे देने वाली और विकास पर केन्द्रित है।