उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोगों के नाम और उनकी पहचान सार्वजनिक करने संबंधी याचिका आज खारिज कर दी । वकील मनोहर लाल शर्मा ने न्यायालय में याचिका दायर करके राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की अपील की थी कि वे चंदा देने वाले लोगों के नाम और पहचान उजागर करें। राजनीतिक दलों को आयकर अधिनियम के तहत 20 हजार रुपये से कम का चंदा लेने पर देने वाले का नाम और पहचान उजागर नहीं करने की छूट मिली हुई है।
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री शर्मा की याचिका को सुनवाई के अयोग्य ठहराते हुए उसे खारिज कर दिया । श्री शर्मा ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13ए आैर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 के इससे संबंधित प्रावधानों को रद्द करने की मांग को लेकर शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ।
सहारा डायरी की नहीं होगी जांच
उधर उच्चतम न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की उस याचिका को आज खारिज कर दिया, जिसमें आयकर छापों में मिली उन ‘सहारा और बिड़ला डायरियों’ की जांच कराने का आग्रह किया गया था, जिनमें कुछ राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आये थे। इन डायरियों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम होने की बात कहीं गयी थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इनकी जांच का आदेश देने के लिए पर्याप्त ठोस सबूत नहीं है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने कॉमन कॉज और अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।