बी चंद्रकला

 बुलंदशहर की डीएम बी चंद्रकला पर पावर का नशा सवार है. सेल्फी विवाद की एक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि उन्होंने शक्ति का नाजायज इस्तेमाल किया है.

बी चंद्रकला
बी चंद्रकला

इस मामले में बी चंद्रकला के खिलाफ इलाहबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी चल रही है.

इस रिपोर्ट में पाया गया है कि सेल्फी विवाद में डीएम के दबाव पर सरफराज नामक युवा और दो पत्रकारों पर फर्जी केस बनाया गया.

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने व्यक्तिगत जांच में पाया कि फ़राज़ नमक युवक को एक फ़रवरी को ही पकड़ लिया गया था पर धारा 151 सीआरपीसी में उसकी गिरफ़्तारी 2 फ़रवरी को दिखाई गयी जिससे अवैध हिरासत की बात दिखती है.

 

इसके अलावा उसकी एएसआई कोतवाली नगर राजेश कुमार की चालानी रिपोर्ट में कहीं भी डीएम का सेल्फी लेने की बात का कोई जिक्र नहीं है.

[box type=”shadow” ] पत्रकारों के खिलाफ धारा 420, 120बी आईपीसी तथा 14 प्रेस और रजिस्ट्रेशन एक्ट में मुकदमे को भी प्राथमिक स्तर पर अवैध पाया क्योंकि धारा420 आईपीसी मात्र मूल्यवान संपत्ति के मामले में लागू होता है. पुनः एफआईआर में डीएम की मानहानि का जिक्र है जबकि मुक़दमा उनके अधीनस्थ द्वारा लिखवाया गया है जो कानूनी रूप से गलत है.  आईपीएस अमिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर[/box]

उस युवक के गाँव कमालपुर में चार महीने पहले हुई एक सांप्रदायिक घंटना को आधार बना कर फ़राज़ को राजनैतिक रूप से सक्रीय एवं मोबाइल, इन्टनेट आदि का प्रयोग करने में दक्ष होने के आधार पर गिरफ्तार किया गया.

पत्रकारों पर लादा केस

अमिताभ और नूतन ने कहा कि इस मामले में सुश्री चन्द्रकला ने पत्रकारों को एक कानूनी नोटिस भेजी जिसमे सेल्फी प्रकरण का उल्लेख था और जिला प्रशासन ने इसी मामले में एक जनमत संग्रह भी कराया जिसमे डीएम की उपस्थिति में फ़राज़ के चाचा ने माफ़ी मांगी जिसके बाद वह रिहा किया गया.

उन्होंने कहा कि वास्तविक कारण डीएम के साथ सेल्फी का होना और अभिलेखों में फर्जी घटना बनाना इस मामले को और अधिक गंभीर बनाता है. इन दोनों ने पत्रकारों के खिलाफ धारा 420, 120बी आईपीसी तथा 14 प्रेस और रजिस्ट्रेशन एक्ट में मुकदमे को भी प्राथमिक स्तर पर अवैध पाया क्योंकि धारा420 आईपीसी मात्र मूल्यवान संपत्ति के मामले में लागू होता है. पुनः एफआईआर में डीएम की मानहानि का जिक्र है जबकि मुक़दमा उनके अधीनस्थ द्वारा लिखवाया गया है जो कानूनी रूप से गलत है. नूतन ने मामले में पस के भारी दुरुपयोग की बात पाते हुए इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट में उठाये जाने की बात कही है.

चंद्रकला के बारे में और जानें अफसरों को लगायी फटकार

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427