मंडल आयोग के कार्यान्वशयन के 20 साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी उसकी कार्यान्वित हो रही अनुशंसाएं कितना लक्ष्यश प्राप्त कर सकी हैं। शेष बची अनुशंसाओं को लेकर सरकार का क्या रुख है।
इससे बड़ा सवाल यह है कि क्या मंडल आयोग को लेकर खड़ा हुआ आंदोलन दम तोड़़ दिया है। या फिर मंडल वैचारिक धारा न होकर, सिर्फ एक तत्काललिक लहर थी। इसी मुददे पर विमर्श के लिए आगामी 30 अगस्त को मंडल संसद का आयोजन किया जा रहा है। इसका विषय है- पिछड़ा आंदोलन : क्या खोया, क्या पाया।
दो सत्रों में आयोजित इस संसद के पहले सत्र का उद्घाटन वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव करेंगे, जबकि मुख्यस वक्ता पत्रकार उर्मिलेश होंगे। इनके अलावा जगजीवनराम संसदीय अध्य्यन और शोध संस्थान के निदेशक व वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत, विधान पार्षद डॉ रामवचन राय, पूर्व विधायक रामानुज प्रसाद, पिछड़ावर्ग आयोग के सदस्य जगनारायण सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सुमन अपनी बात रखेंगे।
दूसरे सत्र में एएन सिन्हा संस्थाान के निदेशक डीएम दिवाकर, पत्रकार प्रभात कुमार शांडिल्य, साहित्यकार राजेंद्र प्रसाद सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुशवाहा और उमेश रजक अपनी बात रखेंगे। कार्यक्रम का आयोजन बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में होगा। कार्यक्रम के आयोजक संतोष यादव और अरुण नारायण ने बताया कि इसकी तैयारी बड़े स्तर पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि मंडल संसद का आयोजन सामाजिक संगठन बागडोर के तत्वावधान में किया जा रहा है।