प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सामने अन्य मंत्रियों की तो छोड़िए गृहमंत्री राजनाथ सिंह की भी एक नहीं चल रही है हाल यह है कि मनचाहा निजी सचिव की मांग भी ठुकरा दी गयी है. आखिर क्या है मामला?
खबर है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के आलोक सिंह को अपना पर्सनल सेक्रेटरी रखने की मांग की थी. स्वजातीय होने के साथ साथ आलोक सिंह 1995 बैच के यूपी कैडर के अफसर हैं. राजनाथ सिंह भी यूपी से ही आते हैं. राजनाथ सिंह के लिए यह एक जोरदार झटके से कम नहीं है क्योंकि आईबीएन खबर के अनुसार आलोक सिंह ने अनौपचारिक रूप से निजी सचिव के बतौर कामकाज शुरू भी कर दिया था.
ज्ञात हो कि आलोक सिंह पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के पीएस रह चुके हैं.
उधर स्मृति ईरानी, नजमा हेबतुल्ला और रविशंकर प्रसाद को भी अपना मनचाहा पीएस नहीं मिल पा रहा है. मीडिया खबरों के मुताबिक पीएमओ यूपीए के दौर में काम कर चुके अधिकारियों में से किसी को भी निजी सेक्रेटरी के तौर पर रखने के पक्ष में नहीं है.
उधर स्मृति ईरानी, नजमा हेबतुल्ला और रविशंकर प्रसाद को भी अपना मनचाहा पीएस नहीं मिल पा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पीएमओ यूपीए के दौर में काम कर चुके अधिकारियों में से किसी को भी निजी सेक्रेटरी के तौर पर रखने के पक्ष में नहीं है.
कार्मिक मंत्रालय ने पीएमओ के आदेश पर इस बाबत सभी मंत्रियों के कार्यालय को आदेश भेज दिए हैं कि पूर्व सरकार में पीए रह चुके नौकरशाहों को नहीं जगह मिलेगी. इस फैसले के बाद अब तक 42 अधिकारी हटाए गए हैं, जिनमें 22 आइएएस या आइपीएस अधिकारी हैं. दैनिक जागरण के अनुसार इससे पहले संप्रग सरकार में मंत्रियों के निजी स्टाफ में रहे अधिकारियों की सूची मंगाई गई थी.
सत्ता संभालते ही प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि मंत्रियों के निजी स्टाफ के चयन में रिश्तेदारों और करीबी को आधार न बनाया जाए.