मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसी के तहत प्रदेश के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरुप स्थापित किया जायेगा।
श्री कुमार ने पटना में स्वास्थ्य विभाग के तहत 866 करोड़ रुपये की 113 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है, जिसका एहसास सूबे के लोग भी कर रहे हैं । उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि फरवरी 2006 में कराये गये एक सर्वेक्षण में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रतिमाह औसतन 39 मरीज इलाज के लिए आते थे। इस तथ्य को देखते हुए सरकार ने कई जरुरी कदम उठाये जिसके तहत इन केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपलब्धता और पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गयी। इसके अलावा केंद्रों पर मुफ्त दवाओं की सुविधा दी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2006 के अक्टूबर माह में जब फिर से सर्वे कराया गया तो प्रति स्वास्थ्य केन्द्र एक माह में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 1500 से 2000 तक पहुंच गयी। आज यह संख्या करीब दस हजार प्रति केन्द्र तक जा पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग में निरंतर सुधार का काम चल रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं।
श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में भी अब कैंसर और लीवर प्रत्यारोपण जैसे कठिन इलाज भी होंगे । राजधानी के प्रतिष्ठित पीएमसीएच में आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि पीएमसीएच को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाने का प्रयास सरकार करेगी । उन्होंने नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भी बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया । उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे।