-आवास मिलने के पहले लाभुकों को मिलेगा स्वीकृति प्रमाण पत्र, पटना में 17 जुलाई को कैंप लगाकर बंटेंगे स्वीकृति पत्र, उसके पहले सभी लाभुकों के खाते में ट्रांसफर होंगे 50 हजार रुपये
पटना
यदि आपने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार से राशि ले ली और फिर आवास नहीं बनाये तो फिर आप पर मुकदमा होगा. जिला प्रशासन आप पर सर्टिफिकेट केस करेगा. दरअसल इंदिरा आवास योजना जो अब प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से जानी जाती है, उसमें कई उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं. अब आवास योजना के तहत चयनित लाभुकों को आवास मिलने के पहले जिला प्रशासन द्वारा एक सार्वजनिक समारोह में नियुक्ति पत्र प्रदान किया जायेगा. इसके साथ ही उन्हें उसके साथ पहले किश्त की 50 हजार राशि भी खाते में ट्रांसफर किया जायेगा और यदि इस राशि के मिलने के बाद लाभुकों ने आवास बनाने की शुरूआत नहीं की. उस राशि का इस्तेमाल कहीं और कर लिया तो फिर उन पर सर्टिफिकेट केस भी प्रशासन द्वारा किया जायेगा. पटना जिले में 17 जुलाई को प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर पीएम आवास योजना का सेंक्शन लेटर अधिकारियों द्वारा लाभुकों को दिया जायेगा.
पटना में 291 करोड़ से बनाया जाना है 25 हजार आवास
पटना जिले में 291 करोड़ रुपये की राशि से लगभग 25 हजार मकान बनाये जाने हैं. इसके लिए सभी लाभुकों का निबंधन हो चुका है. इसके साथ ही जियो टैगिंग भी हो चुकी है यानी अफसरों ने यह देख लिया है लाभुक के पास अपनी जमीन है और उनको रहने के लिए आवास नहीं है. इसके बाद सभी के खाते खुलवा दिये गये हैं और जॉब कार्ड से उनको अटैच भी कर दिया गया है. अब स्वीकृति प्रमाण पत्र सौंपने की बारी है.
1.20 लाख के अलावा शौचालय के लिए मिलता है 12 हजार
पटना जिले में सभी लाभुकों को तीन किस्त में आवास बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे. नौ महीने में हर लाभुक को इंदिरा आवास पूरा कर लेना है. हर आवास में एक रूम के अलावा किचेन और शौचालय बनाना जरूरी है. पहली किस्त में 50 हजार रुपये मिलते हैं जिसमें जमीनी काम और प्लींथ लेवल तक काम पूरा कर देना जरूरी है. उसके बाद दूसरी किस्त में 40 हजार रुपये मिले हैं जिसमें छत ढ़लाई का काम पूरा कर देना है. अंतिम 30 हजार में फाइनल फीनिशिंग का काम करना है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 हजार रुपये शौचालय के लिए अलग से मिलते हैं. जिससे शौचालय का काम पूरा करना है.
क्या कहते हैं डीडीसी?
कई बार देखा गया है कि आवास के लिए पैसा लेने के बाद लाभुक उसे कहीं और खर्च कर देते हैं. यदि इस बार पहली किस्त के बाद उन्होंने आवास नहीं बनाया तो उन पर सर्टिफिकेट केस होगा. 17 जुलाई को सबको प्रमाण पत्र दे दिया जायेगा. इसके बाद उन सभी लाभुकों पर नजर रखी जायेगी.
-अमरेंद्र कुमार, डीडीसी, पटना