खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर छापने को लेकर हो रहे विवाद के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि श्री मोदी का विरोध करना कुछ लोगों की आदत ही नहीं, बल्कि यह तो अब फैशन भी बन गया है।
श्री नायडू ने नई दिल्ली में भारतीय जनसंचार संस्थान की पत्रिका कम्युनिकेटर का विमोचन करते हुए यह टिप्पणी की । उन्होंने कहा कि यह आशंका जताना हास्यास्पद है कि श्री मोदी महात्मा गांधी का स्थान लेने का प्रयास कर रहे हैं । राष्ट्रपिता का स्थान कोई नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के प्रयासों से खादी के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा मिला है और इसकी बिक्री 30 प्रतिशत बढ़ गई है। कांग्रेस झूठी आशंका से लोगों को भ्रमित कर रही है कि प्रधानमंत्री महात्मा गांधी का स्थान लेना चाहते हैं जबकि उसने कभी राष्ट्रपिता की सुध तक नहीं थी और कभी उनकी विचारधारा का अनुसरण नहीं किया । गांधी जी ने कांग्रेस को खत्म करने की बात कही थी, लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी ।
श्री नायडू ने अगले शिक्षा सत्र से मराठी और मलयालम भाषाओं में पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारतीय जनसंचार संस्थान की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं में पत्रकारिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यदि मां को मॉम के स्थान पर अम्मा या अम्मी कहा जाता है तो उसमें अधिक अपनत्व का भाव है। अम्मा शब्द हृदय से निकलता है, जबकि मॉम शब्द सिर्फ होठों तक सीमित रहता है।