अमीर–ए–शरीअत सह जेनरल सेक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हजरत मौलाना सैयद मो वली रहमानी ने कहा कि प्रधानमंत्री के इशारे पर तीन तलाक के मुद्दे पर देश में सियासत हो रही है. उन्होंने मुख्य अतिथि के तौर पर आज तालीमी तहरीक फाउंडेशन द्वारा पटना स्थित बिहार उर्दू अकादमी के उर्दू भवन में एकदिवसीय सेमिनार के दौरान ‘शरीअत की हिफाजत और सामाजिक सुधार’ के विषय पर चर्चा करते हुए मजहबी मामले को गलत तरीके पेश किए जाने की भी बात कही.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि शरीअत का कानून अल्लाह और उसके रसूल का बनाया हुआ कानून है. इसमें किसी तरह का परिवर्तन नहीं हो सकता है. प्रधानमंत्री के इशारे पर सरकार तीन तलाक के तरीके को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि अदालत ने यह समस्या पैदा की है और सरकार ने उसका समर्थन किया. मामला इस समय उच्चतम न्यायालय में है और कानूनी लड़ाई चल रही है. मौलाना रहमानी ने कहा कि यह लड़ाई मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी ताकत के साथ लड़ेगी और उसे देश के तमाम मुसलमानों का समर्थन प्राप्त है. साथ ही मौलाना रहमानी ने मुसलमानों को भी सलाह दी कि उनके अंदर पैदा हुई बुराईयों को दूर करने की कोशिश करें और अच्छा समाज बनाएं.
वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एडवोकेट मो. दाउद राई ने अपने संबोधन के दौरान अपनी शरीअत की हिफाजत करने को कर्त्तव्य और संवैधानिक अधिकार भी बताया और कहा कि समय के हिसाब से अगर किसी कमी को पूरा करने की दरकार हुई तो हमारा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उसका समाधान निकाल लेगा. उन्होंने सरकार से मुस्लिम पर्सनल लॉ में छेड़छाड़ न करने की अपील करते हुए कहा कि कॉमन सिविल कोड उन्हें किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है.
सेमिनार का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ रेहान गनी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे शांतिपूर्ण देश है. इसे हिंदुओं, मुसलमानों और दूसरे अन्य धर्म के मानने वाले लोगों ने सजाया है. यह एक गुलदस्ता है, जिसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है.। इसे संभाल कर रखना हमारा कर्त्तव्य है. इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बातें रखते हुए कहा कि सरकार को अगर मुसलमानों से सच्ची हमदर्दी और लगाव है तो वे उसके लिए सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ठोस कार्यक्रम बनाएं.
इस कार्यक्रम में डॉ अब्दुल वाहिद अंसारी, डॉ अहमद अशफाक करीम (अध्यक्ष, कटिहार मेडिकल कॉलेज), मुफ्ती सनाउल होदा कासमी (सहायक सचिव, इमारत – ए – शरीया), सैयद खुर्शीद आलम (एडिशनल एडवोकेट जनरल), फैयाज हाली, शकील उज्जमा अंसारी, मौलाना शकील अहमद कासमी के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत किया.