पधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति से जुड़ा ट्राई संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह बिल लोकसभा में सोमवार को पारित किया जा चुका है।nependra-misra

 

ज्ञात हो कि नृपेंद्र मिश्र ट्राई के प्रमुख रह चुके हैं और उस पद पर रहने वाला नौकरशाह नियमानुसार किसी सरकारी पद को ग्रहण नहीं कर सकता. ऐसे में मोदी सरकार ने नृपेंद्र मिश्र को पीएम का प्रधानसचिव बनाने से पहले एक अध्यादेश जारी किया था. अब इसे कानूनी दर्जा देने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी है.

 

लोकसभा में यह बिल मंजूर किया जा चुका है लेकिन राज्यसभा में कुछ विरोध की आशंका है.
कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के अलावा समाजवादी पार्टी, बीएसपी और तृणमूल कांग्रेस ने सरकार का इस बिल पर समर्थन किया। विरोध के तौर पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया, जिसके बाद सरकार ने आसानी से इसे पास करवा लिया। ट्राई संशोधन बिल पर राज्यसभा में मोदी सरकार का पहला शक्ति परीक्षण होगा।

-राज्यसभा के मौजूदा 243 सदस्यों में से एनडीए के 60 और यूपीए के 79 सदस्य हैं।
-जेडीयू और लेफ्ट के 23 सांसद सरकार के खिलाफ हैं।
-इससे समूचे विपक्ष की संख्या 102 दिखती है, लेकिन यूपीए की सहयोगी एनसीपी के बाद अब समाजवादी पार्टी, तृणमूल और बीएसपी ने भी बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है। साथ ही बीपीएफ का एक राज्यसभा सांसद भी सरकार के साथ है। ऐसे में एनडीए की ताकत बढ़कर 103 हो जाती है और विपक्ष की संख्या घटकर 95 हो जाती है।
-अगर 11 सदस्यों के साथ जयललिता चार सदस्यों वाली डीएमके आईएनएलडी जेडीएस और टीआरएस एनडीए का साथ दे तो बिल के समर्थन में 129 सांसद हो जाएंगे।
-अगर नौ निर्दलीय और कम से कम छह नॉमिनेटेड सदस्य सरकार का साथ देते हैं तो बिल के समर्थन में सांसदों की संख्या 144 और विरोधी सांसदों की संख्या 99 रह जाएगी।

By Editor


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